
जर्मनी में राहुल गांधी ने भारतीय एजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल हथियार की तरह हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हम बीजेपी से नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
राहुल गांधी का यह बयान जर्मनी में एक कार्यक्रम के दौरान आया, जहां उन्होंने भारत में निष्पक्ष चुनावों की स्थिति और संस्थानों के दुरुपयोग का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में संस्थानों का दुरुपयोग कर लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है, जिससे देश की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
राहुल गांधी ने आगे कहा, “हम तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में जीते। हम भारत में चुनावों की निष्पक्षता का मुद्दा उठाते रहे हैं। मैंने प्रेस कॉन्फ़्रेंसों के जरिए साबित भी किया कि हम हरियाणा में जीते थे और महाराष्ट्र में चुनाव निष्पक्ष नहीं थे। हमारे देश की संस्थाओं पर बड़े पैमाने पर हमला हो रहा है।”
राहुल गांधी ने जर्मनी के लोगों से कहा, “आपने मेरा प्रेस कांफ्रेंस देखा होगा। ब्राजील की महिला हरियाणा में वोट डाल रही है। हरियाणा की वोटर लिस्ट में उसका नाम 22 बार है। एक महिला एक बूथ पर 200 बार वोट डालती है। इन सवालों का चुनाव आयोग जवाब नहीं देता। हमें बुनियादी तौर पर लगता है कि भारत की चुनावी व्यवस्था में समस्या है।”
राहुल गांधी ने कहा कि हमारे संस्थानिक ढांचे पर पूरी तरह से कब्जा हो चुका है। हमारी ख़ुफ़िया एजेंसी, सीबीआई, ईडी का हथियारों की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। सीबीआई और ईडी के ज्यादातर केस बीजेपी के विरोधियों पर हैं। अगर आप बड़े व्यापारी हैं और कांग्रेस का समर्थन करने की कोशिश करते हैं तो आपको धमकी मिलेगी और जांच एजेंसियां पहुंच जाएंगी।
इस बयान पर भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। भाजपा ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा है कि उनका यह बयान गलत और भ्रामक है। भाजपा नेताओं का कहना है कि भारतीय एजेंसियां स्वतंत्र और निष्पक्ष हैं और उनका दुरुपयोग नहीं हो रहा है। वहीं, कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह अरावली क्षेत्र को बचाने के बजाय उसे बेचने का प्रयास कर रही है, और भाजपा इस मुद्दे पर भी भ्रामक प्रचार कर रही है।













