विधानसभा: कल्याण सिंह के समय वंदेमातरम् की अनिवार्यता समाप्त करने पर माफी मांगे सरकार – आराधना मिश्रा मोना

  • भाजपा, आरएसएस का वंदेमातरम् और आजादी से कोई लेना देना नहीं रहा है: आराधना मिश्रा मोना

लखनऊ। पूर्व सीएम कल्याण सिंह के समय में स्कूलों में वंदेमातरम् अनिवार्य करने पर भारी विरोध हुआ था और तत्कालीन शिक्षा मंत्री रविंद्र शुक्ला को कल्याण सिंह ने बर्खास्त कर अनिवार्यता को समाप्त किया था। भाजपा सरकार ये क्यों भूल जाती है? यह बात विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने वन्देमातरम् पर चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् गीत द्वारा भाजपा और योगी आदित्यनाथ सरकार बांटने की राजनीति कर रही है। वंदे मातरम को देश के प्रत्येक व्यक्ति से भावनात्मक जुड़ाव है।

आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उनकी मात्र संस्था आर.एस.एस जिनका दूर-दूर तक ना तो वंदेमातरम से कोई लेना-देना नहीं रहा, न ही देश की आजादी से मतलब रहा, वह आज वंदेमातरम के नाम पर लोगों को बांटना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के समय जब उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे तब इसे कल्प योजना के अंतर्गत स्कूलों में अनिवार्य किया गया था। उन्होंने शिक्षकों, शिक्षक संगठनों और सामाजिक संगठनों के भारी विरोध के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को सीधे दखल देना पड़ा और उन्होंने तत्कालीन कल्याण सिंह की उत्तर प्रदेश सरकार को वंदेमातरम की अनिवार्यता को समाप्त करने को दखल देना पड़ा। फलस्वरूप मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री रविंद्र शुक्ला को बर्खास्त किया और अनिवार्यता को समाप्त किया। भारतीय जनता पार्टी अगर आज वंदे मातरम को लेकर इतना प्रेम जता रही है तो पहले जो कल्याण सिंह सरकार के समय अधिनियम समाप्त किया था उस पर माफी मांगे ।

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