Uttarkashi: बिना वैध कारण बच्चों को स्कूल से हटाने पर बाल आयोग सख्त…जानिए पूरा मामला

बड़कोट (उत्तरकाशी)  : राजकीय प्राथमिक विद्यालय मदेश में पढ़ने वाले पांच बच्चों को कम उपस्थिति के आधार पर स्कूल से बाहर किए जाने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में करीब दो साल बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) उत्तरकाशी से 20 दिसंबर तक विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की है। आयोग ने यह भी पूछा है कि दोषियों के विरुद्ध अब तक क्या कार्रवाई की गई है।

मामला बड़कोट तहसील के राजकीय प्राथमिक विद्यालय मदेश का है, जहां जुलाई 2023 में विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने पांच बच्चों को यह कहते हुए विद्यालय से हटा दिया था कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आते हैं। आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने अभिभावकों को बिना पूर्व सूचना दिए बच्चों की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) थमा दी। अभिभावकों का कहना है कि न तो उनसे कोई सहमति ली गई और न ही इस फैसले की जानकारी पहले दी गई, जिससे उनमें भारी आक्रोश है।

इस संबंध में अभिभावकों ने उपजिलाधिकारी बड़कोट के माध्यम से शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद खंड शिक्षा अधिकारी स्तर पर जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि पांचों बच्चों के नाम बिना किसी वैध कारण और बिना सूचना दिए विद्यालय से हटाए गए थे।

जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग तक पहुंचा। आयोग ने इसे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन मानते हुए पूरे प्रकरण में की गई कार्रवाई और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों का ब्योरा मांगा है।

स्थानीय स्तर पर यह मामला शिक्षा व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चों के भविष्य से जुड़ा ऐसा संवेदनशील निर्णय मनमाने तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि, अब बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला दिला दिया गया है। वहीं, मुख्य शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है और यदि बाल अधिकार संरक्षण आयोग से कोई पत्र प्राप्त होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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