मणिपुर संकट पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत, मतभेद सुलझाने में समय लगेगा लेकिन शांति अवश्य लौटेगी

Kolkata : पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर लंबे समय से जातीय हिंसा और अशांति का सामना कर रहा है। मई 2023 में शुरू हुई हिंसा के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2025 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। सुधार की उम्मीदों के बीच अगस्त 2025 में राष्ट्रपति शासन को और छह महीने बढ़ा दिया गया। इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर संकट पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मतभेदों को सुलझाने में समय लगेगा, लेकिन उन्हें भरोसा है कि राज्य में फिर से पूर्ण शांति बहाल होगी।

“मुख्य चुनौती कानून-व्यवस्था, संवाद से ही समाधान” भागवत

कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भागवत ने कहा कि मणिपुर में जारी अस्थिरता का मुख्य कारण कानून-व्यवस्था की समस्या है, हालांकि हालात धीरे-धीरे सुधर रहे हैं और आने वाले समय में यह समस्या समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने मणिपुर के आदिवासी, सामाजिक प्रतिनिधियों और युवाओं से संवाद किया है और सभी पक्ष शांतिपूर्ण समाधान के इच्छुक हैं।

संघ प्रमुख ने कहा
“विचारों में सामंजस्य स्थापित करना बड़ा और कठिन कार्य है। इसमें समय लगेगा, लेकिन संवाद ही शांति का एकमात्र रास्ता है। युद्धरत गुटों को एक मंच पर लाना जरूरी है, क्योंकि मूल रूप से एकता की भावना अभी भी मौजूद है।”

पूर्वोत्तर में RSS की भूमिका पर बोले भागवत

भागवत ने बताया कि मणिपुर सहित पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में RSS लगातार सामाजिक संवाद और शांति बहाली के प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि

मणिपुर में RSS की करीब 100 शाखाएँ सक्रिय हैं

आरएसएस अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मेघालय जैसे राज्यों में भी सामाजिक समन्वय का कार्य कर रहा है

भागवत के अनुसार, संघ का उद्देश्य राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और संवाद के माध्यम से स्थिरता बहाल करना है।

सरकार–संघ संबंधों पर भी दी सफाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संबंधों को लेकर उठते सवालों पर भागवत ने स्पष्ट कहा कि संघ हमेशा से भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों से संस्थागत दूरी बनाए रखता है।

उन्होंने कहा
“हम राजनीतिक दलों से दूरी रखते हैं। नरेंद्र भाई और अमित भाई हमारे करीबी रहे हैं, लेकिन संघ किसी भी रिश्ते को छिपाता नहीं। ऐसी चर्चाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।”

अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी रखी राय

पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान भागवत ने सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने भारतीय सामाजिक संरचना, वैवाहिक मूल्यों और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर भी अपने विचार रखे और कहा कि समाज में स्थिरता, संवाद और नैतिक मजबूती ही देश को आगे बढ़ाती है।

मणिपुर में शांति बहाली की उम्मीद बरकरार

हालांकि मणिपुर में अभी भी सामान्य स्थिति पूरी तरह नहीं लौटी है, लेकिन प्रशासनिक कदम, केंद्र सरकार की निगरानी और सामाजिक संगठनों के प्रयासों के बीच उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में राज्य शांति और स्थिरता की राह पर आगे बढ़ेगा।

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