मध्यप्रदेश बना बिजली सरप्लस राज्य, रिकॉर्ड 19,113 मेगावाट मांग की निर्बाध आपूर्ति : प्रद्युम्न सिंह तोमर

Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर हाल में प्रद्युम्न सिंह तोमर ,ऊर्जा मंत्री विभाग द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया पत्रकार वार्ता को संबोधित किया ऊर्जा मंत्री ने ऊर्जा विभाग की उपलब्धियां गिनते हुए कहा ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करते हुए राज्य को बिजली सरप्लस प्रदेश बना दिया है। 12 दिसंबर 2025 को प्रदेश के इतिहास में पहली बार 19,113 मेगावाट की सर्वाधिक बिजली मांग बिना किसी कटौती के पूरी की गई। यह राज्य सरकार की दूरदर्शी योजना और ऊर्जा विभाग की समयबद्ध कार्यप्रणाली का परिणाम है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश की कुल अनुबंधित विद्युत क्षमता 25,081 मेगावाट है, जिससे मध्यप्रदेश बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। उन्होंने कहा कि आज बिजली हर नागरिक की बुनियादी आवश्यकता है और राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि सभी उपभोक्ताओं को पर्याप्त, गुणवत्तापूर्ण और सस्ती बिजली उपलब्ध हो।

वर्ष 2011 के बाद विद्युत कंपनियों की संगठनात्मक संरचना में विस्तार नहीं होने से सेवाओं पर असर पड़ रहा था। इसे देखते हुए मंत्रि-परिषद द्वारा विद्युत कंपनियों में 50 हजार से अधिक नियमित पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। इससे जहां उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निराकरण होगा, वहीं प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के हित में हैं। स्मार्ट मीटर के माध्यम से सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की बिजली खपत पर 20 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इससे ईमानदार उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने मीडिया से स्मार्ट मीटर के सकारात्मक पक्ष को जनता तक पहुंचाने का आग्रह किया।

उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को प्रतिवर्ष लगभग 26 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। करीब एक करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं से प्रथम 100 यूनिट बिजली के लिए मात्र 100 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं कृषकों को कुल देय राशि का केवल 7 प्रतिशत भुगतान दो किश्तों में करना होता है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एक हेक्टेयर तक 5 एचपी पंप वाले कृषकों को निःशुल्क बिजली दी जा रही है। इसके अलावा उद्योगों को भी लगभग 2,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बिजली दर में छूट दी जा रही है।

ऊर्जा मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके बावजूद बिजली बिलों का भुगतान नहीं होने से 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि हो गई है। साथ ही बिजली चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिजली चोरी एक संज्ञेय अपराध है, जिसमें तीन वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है। सरकार समाधान योजना के तहत मूल राशि जमा करने पर सरचार्ज माफ कर रही है, लेकिन चोरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि बिजली दरों को नियंत्रित रखने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से अनुबंध किए जा रहे हैं। साथ ही उत्पादन लागत कम करने और ट्रांसमिशन व्यवस्था को मजबूत करने पर भी काम किया जा रहा है। भारत सरकार के सहयोग से अधोसंरचना विकास के कार्य किए जा रहे हैं। शासकीय जनरेटिंग कंपनी द्वारा सारणी और चचाई में 660-660 मेगावाट के दो नए ताप विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। ट्रांसमिशन कंपनी की 5,000 करोड़ रुपये की पंचवर्षीय योजना को भी स्वीकृति दी गई है।

प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत थानों की स्थापना का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
उन्होंने विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि अमरकंटक ताप विद्युत गृह की इकाई-5 लगातार 442 दिनों से संचालित होकर रिकॉर्ड बना चुकी है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की इकाई-10 वित्तीय वर्ष 2023-24 में 305 दिन लगातार चली। फ्लाई ऐश प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और सुशासन के क्षेत्र में एमपी पावर जनरेटिंग और ट्रांसमिशन कंपनियों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

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