
Bangladesh Violence : बांग्लादेश में शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद भड़की हिंसा पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस हिंसक घटनाक्रम के साथ-साथ मीडिया पर हो रहे हमलों को भी लोकतंत्र और प्रेस स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया है।
बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद देश का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इंकलाब मंच से जुड़े समर्थकों ने कई शहरों में सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं सामने आईं, जिससे आम नागरिकों का जीवन प्रभावित हुआ।
इस हिंसा के दौरान एक हिंदू युवक को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। इसके अलावा, कई इमारतें और वाहन भी नष्ट हुए हैं। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सुरक्षा बलों को अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी।
हिंसा का सबसे चिंताजनक पहलू यह रहा कि ढाका में देश के दो सबसे बड़े मीडिया संस्थान, प्रथम आलो और डेली स्टार, के कार्यालयों को भी भीड़ ने निशाना बनाया। प्रदर्शनकारियों ने इन कार्यालयों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इन घटनाओं ने बांग्लादेश में प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकारों और मीडिया कर्मियों में डर का माहौल फैल गया है।
शशि थरूर ने कहा- मैं बांग्लादेश सरकार की निंदा की सराहना करता हूं
शशि थरूर ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “बांग्लादेश में हिंसा के बीच यह एक असहनीय दुखद घटना है। इन निर्मम अपराधियों के हाथों मारे गए इस बेचारी हिंदू व्यक्ति की मृत्यु पर शोक व्यक्त करता हूं। मैं बांग्लादेश सरकार की निंदा की सराहना करता हूं, लेकिन उनसे यह भी पूछना चाहता हूं कि वे हत्यारों को दंडित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए वे क्या कर रहे हैं।”
मीडिया संस्थानों पर हमले को लेकर चिंता
थरूर ने कहा कि मीडिया आउटलेट्स पर हमले केवल इमारतों को नुकसान नहीं पहुंचाते, बल्कि यह प्रेस की स्वतंत्रता और बहुलवादी समाज की नींव पर सीधा हमला है। उन्होंने डेली स्टार के संपादक महफूज़ अनाम सहित सभी पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि किसी भी लोकतंत्र में पत्रकारों को भय के साए में काम करने का अधिकार नहीं है।
भारत का वीज़ा सेवा पर असर
बढ़ते सुरक्षा जोखिम को देखते हुए भारत ने अपने खुलना और राजशाही स्थित सहायक उच्चायोगों में वीज़ा सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। थरूर ने कहा कि इसका सीधा असर छात्रों, इलाज के लिए भारत आने वाले मरीजों और उनके परिवारों पर पड़ेगा, जो सीमा पार यात्रा कर रहे थे।
चुनाव से पहले हिंसा और खतरे
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं। इस समय में हिंसा, असहिष्णुता और भीड़तंत्र का बढ़ना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरनाक संकेत है। थरूर ने चेतावनी दी कि यदि हालात पर तुरंत नियंत्रण नहीं पाया गया, तो इसका असर चुनाव की निष्पक्षता और विश्वसनीयता पर पड़ेगा।
अंतरिम सरकार से शांति की अपील
शशि थरूर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया कि पत्रकारों, राजनयिक मिशनों और आम नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़ का शासन लोकतंत्र को कमजोर करता है, और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने जरूरी हैं। साथ ही, उन्होंने अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस से हस्तक्षेप करने और संवाद, कानून व्यवस्था तथा भरोसे की बहाली का आह्वान किया।
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