Moradabad : SI दीपक चौहान का नाम फिर विवादों में… वर्दी की आड़ में उड़ाई कानून की धज्जियां

Moradabad : मूंढापांडे थाना एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कानून की रक्षा नहीं बल्कि कानून को कुचलने के आरोप हैं। थाने में तैनात एसआई दीपक चौहान पर ऐसे गंभीर आरोप लगे हैं, जिन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पीड़ित का दावा है कि सिर्फ सोशल मीडिया पर इंसाफ की आवाज उठाने की कीमत उसे पुलिसिया आतंक के रूप में चुकानी पड़ी।

पीड़ित युवक का कहना है कि उसका जमीन से जुड़ा पुराना विवाद चल रहा है। कई बार थाने और अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो मजबूरी में उसने सोशल मीडिया पर वीडियो बनाकर अपनी पीड़ा जाहिर की। यही बात पुलिस को नागवार गुजरी और इसके बाद जो हुआ, उसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी।

आरोप है कि जिस मुकदमे में गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं था, उसी मामले में भारी पुलिस बल के साथ घर पर दबिश दी गई। बिना किसी नोटिस या कानूनी प्रक्रिया के पुलिस ने घर में घुसकर जमकर तांडव किया। पीड़ित का आरोप है कि घर में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए गए और रिकॉर्डिंग डिवाइस को उखाड़कर अपने साथ ले जाया गया, ताकि पुलिस की कार्रवाई का कोई सबूत न बच सके।

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि इस दौरान घर में मौजूद महिलाओं के साथ अभद्रता की गई, गाली-गलौज हुआ और विरोध करने पर मारपीट भी की गई। पीड़ित युवक को जबरन उठाकर थाने ले जाया गया, जिससे पूरे परिवार में दहशत का माहौल बन गया।

पीड़ित का कहना है कि यदि पुलिस की कार्रवाई सही थी, तो सीसीटीवी और रिकॉर्डिंग उपकरण क्यों तोड़े गए? यदि कोई अपराध था, तो कानून के तहत नोटिस और प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई? इन सवालों के जवाब आज भी नहीं मिले हैं।

अब यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं रह गया है, बल्कि वर्दी की आड़ में कथित दबंगई, अधिकारों के दुरुपयोग और नागरिकों की आवाज दबाने का प्रतीक बन गया है। सोशल मीडिया पर पीड़ित की आपबीती सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश है और मूंढापांडे पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इंसाफ मांगना अब अपराध बन गया है? क्या कानून की रखवाली करने वाले ही कानून तोड़ेंगे? क्या आम आदमी की आवाज दबाने के लिए वर्दी का इस्तेमाल होता रहेगा? अब निगाहें उच्च अधिकारियों पर टिकी हैं। जनता जानना चाहती है कि क्या इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी या एक बार फिर मामला दबा दिया जाएगा। मूंढापांडे थाना और एसआई दीपक चौहान पर लगे आरोपों ने पूरे पुलिस तंत्र को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

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