
Delhi : दिल्ली-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने कहा कि अमीर वर्ग प्रदूषण के स्रोत बनता है, जबकि गरीब मजदूर वर्ग इसका सबसे ज्यादा खामियाजा भुगत रहा है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर बुधवार को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
यह मामला फिर से सुप्रीम कोर्ट के सामने आया है, जिसमें एमिकस क्यूरी अपराजिता सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकारें तब तक कोर्ट के निर्देशों का पूर्णतः पालन नहीं करतीं, जब तक कि कोर्ट सख्ती से आदेश न दे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदूषण के स्तर के बावजूद कुछ स्कूलों ने अपने खेल कार्यक्रम जारी रखे हुए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रोटोकॉल और निर्देश मौजूद हैं, लेकिन जमीन पर उनका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम समस्या को जानते हैं और ऐसे आदेश पारित करेंगे, जिनका पालन संभव हो सके। उन्होंने बताया कि कुछ निर्देश बिना दबाव के लागू नहीं किए जा सकते। शहरी महानगरों में लोगों की जीवनशैली अलग हो सकती है, लेकिन गरीब मजदूर सबसे अधिक प्रभावित हैं।
CJI ने सभी पक्षकारों से आग्रह किया कि यदि एमिकस नियुक्त हो जाए, तो अपने सुझाव और राय एमिकस को ही भेजें, न कि प्रेस और मीडिया को। उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को इस मामले पर तीन न्यायाधीशों की पीठ में सुनवाई होगी और प्रभावी आदेश ही पारित किए जाएंगे।
CJI ने इस बात पर बल दिया कि हम केवल तभी प्रभावी आदेश जारी करेंगे, जब वे जमीन पर लागू करने योग्य और व्यावहारिक होंगे। उन्होंने तर्क दिया कि लाखों लोगों की जीवनशैली और आजीविका को नजरअंदाज कर कड़े आदेश देना संभव नहीं है। उदाहरण के तौर पर, वाहनों का चलना बंद कराना या सभी निर्माण कार्यों को रोकना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
CJI और एमिकस क्यूरी दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि वायु प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव गरीब मजदूर वर्ग पर पड़ता है। ये मजदूर बाहर खुले में काम करते हैं और अक्सर महंगे सुरक्षा उपकरण जैसे एयर प्यूरीफायर या एन95 मास्क नहीं खरीद सकते।
CJI ने कहा कि अमीर वर्ग अपनी जीवनशैली में बदलाव करने को तैयार नहीं है, जैसे, कारों का अधिक उपयोग, एयर कंडीशनर का चलाना, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। लेकिन इसकी कीमत गरीबों को चुकानी पड़ती है। यह पर्यावरणीय न्याय का एक अहम मुद्दा है, जो समाज में असमानता और अन्याय को उजागर करता है।
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