नोएडा में सांसों पर संकट! गैस चैंबर बना NCR, सभी प्रमुख शहर डार्क रेड जोन में, ग्रैप -4 लागू

नोएडा। आसमान में जहरीली धुंध की मोटी परत की वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सांसों पर आफत आ गई है। एनसीआर गैस चैंबर बन चुका है। नोएडा आज देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा है, जबकि गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली भी डार्क रेड जोन में पहुंच गया है। इसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों के सांसों पर आफत बन गई है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन हो रही है। दमा, ह्रदय रोग, टीबी और खांसी के मरीजों की स्थिति काफी खराब हो गई है।

सरकार द्वारा ग्रैप- 4 लागू कर दिया गया है। आज से एनसीआर में बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों पर रोक लगा दी गई है। सभी तरह के सरकारी और निजी निर्माण और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई है। 12वीं तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों) पर चलाने के लिए निर्देशित किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रविवार सुबह के आंकड़ों के अनुसार नोएडा की एक यूआई 469 अंकित की गई। ग्रेटर नोएडा की 442, गाजियाबाद की 459, दिल्ली की 460, बहादुरगढ़ की 444, बागपत की 444, पानीपत की 454, मेरठ की 355, मानेसर की 363, गुरुग्राम की 357 एक्यूआई दर्ज की गई। एनसीआर के सभी प्रमुख शहर डार्क रेड जोन में पहुंच गए हैं। यह स्थिति काफी भयावह है। वायु प्रदूषण बढ़ने के चलते राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का जीना काफी कठिन हो गया है। लोग घर से निकलने से कतराने लगे हैं। इससे कारोबार पर भी काफी असर पड़ा है। क्रिसमस माह होने के बावजूद भी लोग वायु प्रदूषण के चलते घरों से नहीं निकल रहे हैं। रविवार को भी यहां के बाजारों में लोग काफी कम दिखे।

दिल्ली नोएडा और ग्रेटर नोएडा के प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 रहे। गाजियाबाद की हवा में पीएम 10 और म 2.5 दोनों ही प्रदूषण प्रमुखता के साथ पाए गए। एनसीआर में हवा की रफ्तार 9 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रही। ठंड बढ़ने से प्रदूषण के कण वायुमंडल में ज्यादा देर तक बने हुए हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि अगले तीन-चार दिनों तक लोगों को प्रदूषित हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है। लोगों का कहना है कि जब तक बारिश नहीं होगी तब तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है।

वायु प्रदूषण बढ़ने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग कि आपातकाल बैठक हुई तथा ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान चार लागू कर दिया गया। इसके तहत सभी तरह के सरकारी और निजी निर्माण और तोड़फोड़ पर रोक लगा दी गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर में सीएनजी व बीएस-6 डीजल वाहनों को छोड़कर दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। डीजल जनरेटर के उपयोग और खुले में कचरा जलाने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं यहां के सभी स्कूलों को 10वीं और 12वीं को छोड़कर पढ़ाई हाइब्रिड मोड पर (ऑनलाइन व ऑफलाइन) कर दी गई है। काफी संस्थानों ने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का नियम लागू कर दिया है।

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