
Laharpur, Sitapur : नगर में फर्जीवाड़ा और बिना मानक चल रहे प्राइवेट अस्पताल संचालकों में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब बीते गुरुवार की देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अधीक्षक डॉक्टर अरविंद वाजपेई के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने औचक निरीक्षण शुरू किया। इस ‘रेड’ के दौरान अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टर गायब मिले और कई बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित पाए गए।
गुरुवार रात लगभग 11 बजे सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर अरविंद वाजपेई, सर्जन डॉक्टर गोविंद गुप्ता, डॉक्टर अरविंद तथा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सबसे पहले नगर के वेलनेस हॉस्पिटल में छापा मारा। यहां एक प्रसव पीड़ित मरीज मिली, जिसे तुरंत डिस्चार्ज कराया गया। यह हॉस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन संचालित हो रहा था, जिसके चलते इसे बंद करने के निर्देश दिए गए।
इसके बाद लहरपुर–हरगांव मार्ग स्थित वरदान हॉस्पिटल में भी छापेमारी की गई। यहां भी कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। इसे तत्काल बंद करने और आवश्यक कागजात प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।
इसी क्रम में जनता हॉस्पिटल और खाटू श्याम हॉस्पिटल में भी स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की। दोनों स्थानों पर न तो डॉक्टर मिले और न ही रजिस्ट्रेशन दस्तावेज उपलब्ध थे। गैलेक्सी हॉस्पिटल और नहर कॉलोनी गेट के सामने स्थित एस.एन. हॉस्पिटल भी बिना पंजीकरण एवं बिना डॉक्टर के संचालित पाए गए।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर अरविंद वाजपेई ने बताया कि लगभग आधा दर्जन अस्पतालों का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी भी अस्पताल में न डॉक्टर मिले और न ही रजिस्ट्रेशन। सभी अस्पताल संचालकों को आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन या बिना डॉक्टर के संचालित पाया गया, तो उसके विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज की जाएगी।










