
मंडी। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी शहर के लिए ऊहल नदी आधारित पेयजल आपूर्ति योजना के अंतर्गत सकोर गांव के पास पाइपलाइन का निरीक्षण किया। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को मुख्य पाइपलाइन के स्थायी स्थिरीकरण और शहरवासियों को निर्बाध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि हाल की जल आपदा में पहाड़ दरकने से 28 किमी लंबी मुख्य लाइन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए आईआईटी मंडी की विशेषज्ञ टीम से निरीक्षण करवाया गया है और उनके सुझावों के आधार पर लाइन का रिलाइनमेंट कार्य प्रगति पर है। भूस्खलन क्षेत्र को बाइपास करते हुए 450 मिमी व्यास की 970 मीटर नई ग्रेविटी मेन पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे आपूर्ति बाधित नहीं होगी और लगातार मरम्मत से होने वाला खर्च भी कम होगा।
अधिकारियों ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि सकोर गांव के पास भारी भूस्खलन के कारण पाइपलाइन कई बार टूट चुकी है और लगभग 300 मीटर क्षेत्र में सड़क भी क्षतिग्रस्त हुई है, जिससे लाइन को स्थिर रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। प्रस्तावित बाईपास लाइन 970 मीटर लंबी होगी और इससे रियागड़ी से मंडी तक प्रतिदिन 16 एमएलडी पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से जारी रह सकेगी।
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडी शहर की 50 हजार से अधिक आबादी को पानी उपलब्ध कराने वाली इस महत्वपूर्ण योजना को हर मौसम में सुचारू रखने के लिए सर्वोत्तम और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता उपेंद्र वैद्य ने प्रस्तावित कार्य का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। मिल्क फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष चेतराम ठाकुर, एसडीएम मंडी रूपिंद्र कौर और अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।















