
कोलकाता। विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में मंदिर-मस्जिद की राजनीतिक जंग तेज हो गई है। गुरुवार को सॉल्ट लेक के कई इलाकों में अयोध्या की तर्ज पर विशाल राम मंदिर परिसर बनाने के पोस्टर सामने आए। इन पोस्टरों में स्कूल, अस्पताल, वृद्धाश्रम और कई सामाजिक सुविधाओं का वादा किया गया है। पोस्टर स्थानीय भाजपा नेता संजय पोयरा के नाम से लगाए गए हैं।
सिटी सेंटर, करूणामयी और बिधाननगर के अन्य प्रमुख इलाकों में लगे इन पोस्टरों में दावा किया गया है कि लगभग चार बीघा जमीन पर अयोध्या जैसा राम मंदिर बनाया जाएगा। लोगों से मंदिर निर्माण के लिए प्रतीकात्मक रूप से एक रुपया दान देने की अपील भी की गई है।
यह घटनाक्रम ठीक उसी समय आया है, जब कुछ दिन पहले निलंबित तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में बाबरी मस्जिद मॉडल पर आधारित एक मस्जिद का शिलान्यास किया था। यह कार्यक्रम छह दिसंबर, यानी 1992 की घटना की बरसी पर अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच हुआ। उसी दिन भाजपा नेताओं ने मुर्शिदाबाद के बंजाटिया में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत भी की थी।
अब सॉल्ट लेक में इस तरह के पोस्टर लगने से राजनीतिक टकराव राजधानी के प्रशासनिक केंद्र के करीब पहुंच गया है, जो चुनावी माहौल में एक खास प्रतीकात्मक संदेश माना जा रहा है। संजय पोयरा ने इसे सामाजिक-आध्यात्मिक आंदोलन बताया। उन्होंने कहा कि राम राज्य में राम का मंदिर होना चाहिए। बिधाननगर में अयोध्या जैसा राम मंदिर बनेगा। कई लोग जमीन देने को तैयार हैं। कई लोग निर्माण सामग्री और मूर्तियां देने की इच्छा जता रहे हैं।
पोयरा ने बताया कि भूमि पूजन अगले साल 26 मार्च को राम नवमी के दिन सुबह 10 बजे किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सनातनी हिन्दू इसमें शामिल होंगे और यदि कोई एक रुपया का दान देना चाहे तो वे उसे आनंदपूर्वक स्वीकार करेंगे।
पोस्टरों में यह भी दावा किया गया है कि प्रस्तावित परिसर में गरीबों के लिए अस्पताल, बच्चों के लिए स्कूल, महिलाओं की शिक्षा के लिए सुविधाएं और वृद्धाश्रम भी होगा। आयोजकों का कहना है कि यह उनका “राम राज्य” मॉडल है, जिसमें भक्ति के साथ सेवा को भी महत्व दिया गया है।
बिधाननगर नगर निगम की ओर से इन पोस्टरों पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं आई है और यह साफ नहीं है कि इतने बड़े निर्माण के लिए कोई औपचारिक आवेदन दिया गया है या नहीं, खासकर ऐसे टाउनशिप में जहां जमीन उपयोग के नियम तय हैं।
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