मानवता की हत्या करने वालों के लिए नहीं है मानवाधिकार: दुर्गा कृष्णा एडवोकेट

  • तिब्बत को हड़प करने वाले चीन पर कभी न करें भरोसा

उन्नाव : मानवाधिकार दिवस के अवसर पर भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी युवा सदस्य दुर्गा प्रसाद सिंह (दुर्गा कृष्णा) एडवोकेट व लेखक ने न्यायिक मजिस्ट्रेट उन्नाव बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की। जहां प्रीति सिंह ने उनका यथोचित सम्मान करने के बाद अहम मुद्दों पर बातचीत की।

श्रीमती प्रीति सिंह ने कहा कि मानवाधिकार सार्वभौमिक गरिमा, समानता और स्वतंत्रता की रक्षा का नाम है। और वह समाज के बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के लिए पूरी तरह जागरूक रहते हुए अहम कदम उठा रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने पिछले वर्षों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांप्रदायिक हिंसा और सशस्त्र संघर्ष से जुड़े मामलों पर चिंता जताई है। दुर्गा कृष्णा एडवोकेट ने बताया कि मानवता की हत्या करने वाले आतंकवादियों, जेहादियों के लिए मानवाधिकार आयोग को पैरवी नहीं करनी चाहिए। साथ ही, दुनिया भर को चाहिए कि चीन के असली चेहरे को जिसने तिब्बत जैसे शांत राष्ट्र को खत्म कर लिया। मानवाधिकार संगठन केवल सच्चे मानवों के संरक्षण के लिए उनके हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है। मानवता विरोधी हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हुए सरकार को कठोरता के साथ आतंकवाद से निपटने की जरूरत है।

भारत तिब्बत समन्वय संघ की युवा विभाग की प्रान्त अध्यक्ष ऋतंभरा सिंह ने अपने जारी बयान में कहा कि शासन और संस्थानों से अपेक्षा है कि वे मानवाधिकार संरक्षण के लिए निगरानी, प्रशिक्षण और शिकायत निवारण तंत्र को सुदृढ़ करें। मानवाधिकार शिक्षण व जनता जागरूकता अभियानों से सामाजिक समावेशन को बढ़ाना आवश्यक है। कोषाध्यक्ष श्रीमती पूजा सिंह चौहान ने कहा कि देश मे आतंकवाद सिर्फ सीमा पार ही नहीं सीमा के अंदर भी पूरी तरह हरकत में है जिससे निपटने के लिए मानवाधिकार को उनका संरक्षण नहीं करना चाहिए।

वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती अंजली त्रिवेदी ने कहा कि मानवाधिकार का न्याय तक पहुंच, प्रभावी शिकायत-निवारण और कारागार निगरानी जैसी संस्थागत सुधारों पर जोर दिया जा रहा है इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र और स्वतंत्र मानवाधिकार संस्थाओं के साथ समन्वय से मानकों का पालन सुनिश्चित करने की भी जरूरत है।

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