
Kangana Ranaut Statement: लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान सांसद कंगना रनौत ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संसद का पूरा वर्ष विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे में निकल गया, जो एक नए सांसद के रूप में उनके लिए बेहद निराशाजनक अनुभव रहा। कंगना ने कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार सदन की कार्यवाही रोकना लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है।
“पीएम मोदी ईवीएम नहीं, लोगों के दिल हैक करते हैं”
कंगना ने विपक्ष के ईवीएम हैकिंग संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईवीएम नहीं, बल्कि जनता के दिल जीतते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास न ठोस तथ्य हैं और न ही कोई स्पष्ट नीति, इसलिए वे हंगामे और आरोपों का सहारा लेते हैं।
उन्होंने विपक्ष के एसआईआर नारे और लगातार किए गए विरोध का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार जब भी कोई अच्छा कदम उठाती है, विपक्ष बिना तर्क के नियम तोड़कर उसका विरोध शुरू कर देता है।
राहुल गांधी के भाषण पर निशाना
कंगना ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सदन में कोई ठोस तथ्य रखेंगे, लेकिन उनका भाषण न तो गंभीर था और न ही तथ्यों पर आधारित।
अंतरराष्ट्रीय महिला की तस्वीर का मुद्दा—सदन की ओर से माफी
कंगना ने विपक्ष द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय महिला की फोटो लहराने को बेहद शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि वह महिला खुद कह चुकी है कि उसका भारत से कोई संबंध नहीं है, फिर भी उसकी तस्वीर का राजनीतिक इस्तेमाल किया गया।
कंगना ने सदन की ओर से उस महिला से माफी मांगते हुए कहा कि यह महिलाओं के सम्मान पर चोट है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पहले भी महिलाओं के अपमान में शामिल रही है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
ईवीएम विवाद पर कांग्रेस को घेरा
कंगना ने याद दिलाया कि चुनावी धांधली के मामले कांग्रेस शासन में बैलेट पेपर के दौर में अधिक हुए थे। उन्होंने इंदिरा गांधी बनाम राज नारायण केस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक प्रधानमंत्री तक को चुनावी गड़बड़ी में दोषी पाया गया था। इसलिए आज कांग्रेस का ईवीएम पर सवाल उठाना हास्यास्पद है।
प्रियंका गांधी के बयान “पुरानी बातें न करें” पर प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि सोनिया गांधी बिना पूर्ण नागरिकता के वोट डालती रही हैं—फिर भी कांग्रेस सबकुछ भूल जाने की अपेक्षा करती है।
बिहार एसआईआर पर टिप्पणी
कंगना ने कहा कि बिहार में एसआईआर लागू होने के बाद 60 लाख से अधिक अवैध वोटर आईडी रद्द हुईं। इनमें घुसपैठियों के अलावा मृतक और स्थानांतरित लोग भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि अगर ये वोटर असली होते, तो कोई न कोई विरोध करता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एसआईआर के बाद बिहार में 67% के रिकॉर्ड मतदान को उन्होंने लोगों के विश्वास का प्रमाण बताया।
वन नेशन, वन इलेक्शन की वकालत
कंगना ने बार-बार चुनाव कराने को देश पर आर्थिक बोझ बताते हुए “वन नेशन, वन इलेक्शन” की मजबूत पैरवी की। उन्होंने कहा कि हर चुनाव में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होता है, जबकि एकसाथ चुनाव होने से समय, धन और संसाधनों की बचत होगी।
अपने भाषण का समापन करते हुए कंगना ने कहा कि लोकतंत्र का यह उत्सव एक बार में होना चाहिए—और अंत में “जय हिंद” का नारा लगाया।












