
गाजियाबाद। नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को जनपद गाजियाबाद कोर्ट ने 20 वर्ष की सजा सुनाई है। छह वर्ष पहले दुष्कर्म के बाद किशोरी के गर्भवती होने के मामले में दोषी साहुल को पॉक्सो कोर्ट ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत के विशेष न्यायाधीश नीरज गौतम ने दोषी पर 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड से मिली धनराशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाने का आदेश दिया है।
विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि एक युवक ने 31 जनवरी 2019 को लिंक रोड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें पुलिस को बताया था कि उनकी 15 वर्षीय बहन लोगों के घरों में साफ-सफाई का काम करती है। सितंबर 2018 को शाम के समय किशोरी काम समाप्त करके रेलवे लाइन के किनारे से होकर घर लौट रही थी। उसी समय साहिबाबाद के फरुखनगर निवासी साहुल उसे मिला। उसने नशीला पदार्थ सुंघाकर किशोरी को बेहोश कर दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद साहुल ने पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया।
कुछ महीने के बाद 29 जनवरी 2019 को पीड़िता को पेट में तेज दर्द होने लगा। इलाज कराने के लिए परिजन दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ले गए। वहां पर मेडिकल जांच में किशोरी के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। घटना की जानकारी मिलने के बाद उसके भाई ने 31 जनवरी 2019 को लिंक रोड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने साहुल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था। विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स ने बताया कि मामले की अंतिम सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायधीश नीरज गौतम की अदालत में हुई। अदालत में पेश सबूत और सात गवाहों के बयान के आधार पर साहुल को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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