पाकिस्तान की पुलिस ने इमरान खान की बहनों को किया टॉर्चर, रात 2 बजे लाइट काटकर की बर्बरता

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को फील्ड मार्शल आसिम मुनीर का विरोध करना कितना महंगा पड़ रहा है, इसका एक उदाहरण रावलपिंडी की आडियाला जेल से देखने को मिला है। पहले इमरान ख़ान की बहनों को अपने भाई से साप्ताहिक मुलाक़ात नहीं करने दी गई, फिर जेल के गेट से 50 मीटर दूर बैरिकेड के पास तीनों बहनों और समर्थकों को हटा देने के लिए रावलपिंडी पुलिस ने कड़ाके की ठंड में आधी रात बिजली काटकर वाटर कैनन का प्रयोग किया। इस बर्बरता में पीटीआई के कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई हैं।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के तहत इमरान खान हर हफ्ते के मंगलवार को अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकते हैं। इसी कड़ी में, इमरान ख़ान की बहनें- नूरीन खानम नियाज़ी, अलीमा ख़ानम नियाज़ी और डॉ. उज्मा ख़ानम- इमरान ख़ान से मिलने मंगलवार दोपहर साढ़े 3 बजे अडियाला जेल आई थीं, लेकिन तीनों को रावलपिंडी के गोरखपुर चौक पर बैरिकेड के पास ही रोक दिया गया। बैरिकेड के उस पार सैकड़ों पुलिसकर्मी खड़े थे, और जेल के बाहर की सड़क को छावनी में तब्दील कर दिया गया ताकि पीटीआई नेता और कार्यकर्ता अधिक संख्या में न पहुंच सकें। विरोध में, बहनों समेत अन्य कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए।

रात दो बजे, 9 डिग्री सेल्सियस तापमान में, पुलिस ने इमरान ख़ान की बहनों और समर्थकों को वाटर कैनन से पानी की बौछार शुरू कर दी। यह कार्रवाई, शहबाज सरकार की बर्बरता का हिस्सा थी, जिसका मकसद धरने को खत्म कराना था। इमरान ख़ान, जो 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं, हर हफ्ते अपनी बहनों से मिलते थे। उनकी बहनों से हुई बातचीत के आधार पर, इमरान ख़ान का संदेश सार्वजनिक होता था, जिसमें वह शहबाज शरीफ़ और उनकी सरकार पर निशाना साधते थे। लेकिन मई में, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के बनने के बाद, इमरान ख़ान ने अपने भाषणों में शहबाज शरीफ़ की जगह आसिम मुनीर पर हमला बोलना शुरू किया। उन्होंने जनता को समझाया कि देश का संचालन असल में फील्ड मार्शल मुनीर कर रहे हैं, और मानवाधिकार उल्लंघन व भ्रष्टाचार के मुखिया भी वह ही हैं।

इसी वजह से, पहले बौखलाहट में, 12 नवंबर से 3 दिसंबर तक, इमरान ख़ान की बहनों को मिलने से रोका गया। 18 नवंबर को, इमरान ख़ान की बहनों को जबरन धरने से हटाने का प्रयास किया गया, जिससे वह सड़क पर खींच ली गईं। इस सलूक के बाद, उनकी सेहत को लेकर अफ़वाएँ फैलने लगीं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी उनके स्वास्थ्य और उनसे न मिलने की खबरें प्रकाशित कीं। अंततः, 4 दिसंबर को, सिर्फ़ एक बहन, डॉ. उज्मा ख़ानम, को मिलने की अनुमति दी गई। लेकिन जैसे ही उन्होंने इमरान का संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने आसिम मुनीर पर निशाना साधा था, पाकिस्तान सरकार ने 5 दिसंबर को उनकी बहनों के मिलने पर पाबंदी लगा दी।

सरकार के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बताया कि इमरान ख़ान की बहनों ने जेल नियमों का उल्लंघन किया है, क्योंकि जेल से राजनीतिक बयान देना नियमों के खिलाफ है। हालांकि, असली कारण स्पष्ट हो चुका था। पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता और आतंकवादी बसीरुद्दीन महमूद के बेटे अहमद शरीफ चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इमरान ख़ान को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा समझा जाता है। उन्होंने इमरान ख़ान को मानसिक रूप से अस्वस्थ भी बताया। इस लड़ाई में, अब इमरान ख़ान को उनके परिवार से मिलने पर भी रोक लगी है।

इलाज के लिए, पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (PIMS) की टीम अडियाला जेल गई थी, जहां उनके जरूरी टेस्ट भी किए गए। लेकिन, इन टेस्टों का परिणाम क्या रहा, यह अभी पाकिस्तान की सरकार और आसिम मुनीर को पता नहीं है। वहीं, इमरान ख़ान की बहन अलीमा ख़ानम नियाज़ी ने भी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब नवाज शरीफ़ जेल में थे, तो उनके साथ उनका डॉक्टर हमेशा रहता था, लेकिन इमरान ख़ान को एक साल में एक बार भी उनके अपने डॉक्टर से मिलने नहीं दिया गया।

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