कोरोना का कहर : इलाहाबाद विवि के प्रोफेसर शाहिद, 16 जमाती पर कसा शिकंजा !

प्रयागराज । कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए क्वारंंटाइन किए गए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफसर मोहम्मद शाहिद समेत कुल तीस लोगों को मंगलवार की शाम न्यायालय ने चौदह दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया। पुलिस ने 16 विदेशियों समेत सभी तीस लोगों को जेल भेज दिया।

अपर पुलिस अधीक्षक नगर बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि विदेशियों की गिरफ्तारी फॉरनर्स एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। जबकि इविवि के प्रोफेसर मो. शाहिद जमातियों को चोरी—छिपे शहर में शरण दिलाने और महामारी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है।

शाहगंज के काटजू रोड स्थित अब्दुल्लाह मस्जिद मुसाफिर खान में 31 मार्च को सात इंडोनेशिया के नागरिकों, एक केरल और एक पश्चिम बंगाल के नागरिक छिपकर रह रहे थे। जिन्हें गिरफ्तार करके क्वारंंटाइन करके उपचार किया जा रहा था। सभी को करेली स्थित एक गेस्टहाउस में रखा जाएगा। ये सभी लोग दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तबलीगी जमात के जलसे से शामिल हुए थे। इसी तरह करेली के हेरा मस्जिद में थाईलैंड के नौ नागरिकों को समेत कुल 11 जमाती मिले थे। शाहगंज व करेली थाने में मुकदमा दर्ज करके सभी को क्वारंटाइन किए गए थे।

इसी बीच पुलिस को सूचना मिली थी कि शिवकुटी के रसूलाबाद में रहने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शाहिद भी दिल्ली में आयोजित हुए मरकज में शामिल होकर लौटे और चुपचाप शहर में रह रहे थे। जिसके बाद उन्हें भी परिवार समेत क्वारंटीन कराया गया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरूद्ध के निर्देश पर सोमवार देररात इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर समेत तीस लोगों को गिरफ्तार किया गया। मंगलवार दोपहर बाद न्यायालय में पेश किया गया।

पुलिस की विवेचना से प्राप्त पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर वारदात में संलिप्त सभी 30 आरोपितों को न्यायालय में पेश किया। जहां न्यायालय ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया। पुलिस ने सभी को नैनी में बनाए गए अस्थाई जेल भेजा है।

सवाल: क्या फर्क रह गया मौलाना और प्रोफेसर में
एक प्रोफेसर अगर ऐसा काम करता है तो फिर मौलाना साद और प्रोफेसर शाहिद की भूमिका में क्या फर्क रह गया? मौलाना साद भी जमातियों को छिपाते रहे। पुलिस बार-बार अपील करती रही कि छिपिए मत, अपना चेकअप कराइए और अगर पॉजिटिव हैं तो अपना इलाज कराइए लेकिन किसी ने भी पुलिस की नहीं सुनी क्योंकि उनको वर्दी से ज्यादा मौलानाओं पर विश्वास था। इसका नतीजा यह हुआ कि पुलिस ने छापेमारी कर तमाम लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया और फिर चेकअप कराया। सभी के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए।

प्रोफेसर शाहिद पॉलिटिकल साइंस पढ़ाते
अब बात करते हैं प्रोफेसर शाहिद की। हमारे समाज में टीचर्स का एक ओहदा होता है। वह बच्चों को अच्छी तालीम देते हैं ताकि भारत के भविष्य अच्छी शिक्षा पाकर मुल्क का नाम रोशन करें लेकिन प्रोफेसर शाहिद ने अपने इतने बड़े ओहदे को एक गलती से छोटा कर दिया। प्रोफेसर होने के नाते उनको हर चीज की जानकारी होगी।

 

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