
- आंतरिक एक्सपोज़र विज़िट से पंचायतों को मिल रहा बदलाव
और नई ऊर्जा का अनुभव - ग्रामीण विकास की नई दिशा, प्रतिभागियों ने देखा मॉडल
पंचायतों का सफल काम - सीख, अनुभव और बदलाव-पंचायत प्रतिनिधियों के लिए आंतरिक एक्सपोज़र विज़िट का आयोजन
- आंतरिक एक्सपोज़र विज़िट से हर पंचायत को आत्मनिर्भर मॉडल बनाने का लक्ष्य-पंचायतीराज मंत्री
Lucknow : राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पंचायत प्रतिनिधियों एवं कर्मियों के लिए स्वीकृत एक्सपोज़र विज़िट कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पंचायती राज विभाग द्वारा क्रमिक रूप से आयोजित किया जा रहा है। रामपुर, श्रावस्ती, ललितपुर और अमेठी समेत कई जनपदों में यह बैचवार विज़िट वर्तमान में चल रहा है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे नवीन, उत्कृष्ट और व्यवहारिक विकास कार्यों को प्रत्यक्ष रूप से दिखाकर अन्य ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करना है, ताकि वे स्वयं को रोल मॉडल के रूप में विकसित कर सकें। प्रतिभागियों ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, बायोगैस यूनिट, वर्मी कम्पोस्टिंग, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, जल प्रबंधन, कॉमन सर्विस सेंटर संचालन एवं ओएसआर सृजन के सफल मॉडलों को ज़मीन पर देखा और समझा।
कार्यक्रम के दौरान लगभग 2000 प्रतिभागी नवंबर 2025 से जनवरी 2026 की अवधि में दो-दिवसीय एक्सपोज़र विज़िट में भाग ले रहे हैं। ई-सर्टिफिकेट हेतु फीडबैक एवं ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी की सुविधा टीएमपी पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है। पंचायती राज विभाग का संकल्प है कि इस क्रॉस-लर्निंग प्रक्रिया के माध्यम से सशक्त पंचायतें, सशक्त भारत का लक्ष्य साकार किया जाए।
पंचायती राज मंत्री, ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आंतरिक एक्सपोज़र विज़िट केवल देखने का कार्यक्रम नहीं, बल्कि व्यवहारिक सीख और परिवर्तन की दिशा है। हमारा लक्ष्य है कि हर पंचायत सशक्त हो, संसाधन पैदा करे और आत्मनिर्भर मॉडल के रूप में विकसित हो, जो प्रतिभागी लौट रहे हैं या उसमें शामिल हो रहे हैं। वे अपने क्षेत्रों में विकास की नई सोच और ऊर्जा लेकर जा रहे है।
निदेशक पंचायती राज, अमित कुमार सिंह ने कहा कि क्रॉस-लर्निंग मॉडल से पंचायतें एक-दूसरे के अनुभवों से सीख कर तेज़ी से विकास कर सकती हैं। यह एक्सपोज़र विज़िट ग्रामीण शासन और सेवा वितरण की गुणवत्ता को नई ऊँचाई देगा। हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक पंचायतें रोल मॉडल बनकर सामने आएँ।










