
लखनऊ : इंडियन फिल्म एकेडमी के कार्यक्रम में भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा और राज्य सूचना आयुक्त डॉ दिलीप अग्निहोत्री सहभागी हुए। यहां के अनुभव को युवा कलाकार कभी भुला नहीं सकते। उनके सामने देश के भजन सम्राट थे। जिन्हें लोग बड़े मंचों के अलावा छोटे बड़े पर्दे पर देखते रहे है। प्रसार माध्यमों से उनके भजन सुनते रहे है। आज वह सामने थे।
उनके गीत संगीत से श्रोता प्रभावित होते है। लेकिन इंडियन फिल्म एकेडमी के कार्यक्रम में उनकी सहजता का भी प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। कार्यक्रम का आयोजन एकेडमी के संस्थापक दिनेश सहगल और योगेश मिश्रा ने किया था। अनूप जलोटा ने वहां उपस्थित युवा कलाकारों का परिचय प्राप्त किया। कला संगीत की किस विधा में उनकी रुचि है,यह जानकारी ली। कुछ कलाकारों को गायन में रुचि थी। अनूप जलोटा ने उन सभी का गाना सुना। उनका उत्साहवर्धन किया। बच्चों की फरमाइश पर उन्होंने भी अपने प्रसिद्ध भजनों की पंक्तियां सुनाई। यहां अनूप जलोटा मुख्य अतिथि की जगह संगीत के शिक्षक की भूमिका में आ गए। कहा कि गायन में रियाज अपरिहार्य होता है। सुबह के समय संगीत साधना उपयुक्त होती है। उस समय स्वर या राग आदि लय में नहीं होते है।
उन्हें साधना पड़ता है। यह कार्य प्रयास और अभ्यास से होता है। फिर शेष दिन में भी लयबद्धता रहती है। इसके साथ ही अनूप जलोटा ने वर्तमान समय की व्यवहारिक समस्या भी बताई। कहा कि सुबह जल्दी उठने के लिए रात्रि में जल्दी सोना आवश्यक होता है। लेकिन सभी के लिए अनेक कारणों से ऐसा करना संभव नहीं होता। ऐसे लोग जब उठें,तभी अभ्यास करें।
इस कार्यक्रम के बाद अनूप जलोटा उठे, उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि किसी को उनके साथ तस्वीर लेनी है। स्टूडेंट्स उत्साहित हो गए। यही तो वह चाहते थे। अनूप जलोटा नहीं सभी के साथ अलग अलग फोटो खिंचवाई। सभी से स्नेह पूर्वक मिले। शुभकामना दी। उनकी यह सहजता प्रभावित करने वाली थी।










