
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए कहा कि पेंशनरों के सभी लंबित चिकित्सा बिलों का भुगतान अगले एक माह के भीतर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सुक्खू ने कहा कि कर्मचारी सरकार की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करना सरकार की जिम्मेदारी है। सत्ता में आने के बाद प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने से 1 लाख 36 हजार कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण पेंशनरों की देनदारियों का भुगतान समय पर नहीं हो पाया था। वर्तमान सरकार वित्तीय अनुशासन के साथ सभी बकाया देनदारियों के समाधान की दिशा में काम कर रही है।
हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त फ्रंट के अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई की अपेक्षा जताई।
संघर्ष जारी, भुगतान ही अंतिम समाधान: पेंशनर
संयुक्त संघर्ष समिति ने 28 नवंबर को धर्मशाला में विधानसभा सत्र के दौरान आक्रोश रैली निकाली थी। समिति का कहना है कि—
- 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2021 के बीच रिटायर पेंशनरों को
लीव इनकैशमेंट, कम्यूटेशन, ग्रेच्युटी आदि के भुगतान लंबित हैं - 13 प्रतिशत डीए अब तक नहीं मिला
- तीन वर्ष से चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं
भाजपा का हमला: “तीन साल से झूठे आश्वासन”
भाजपा प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने पेंशनरों को केवल आश्वासन, लेकिन भुगतान अभी तक नहीं किया।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार संवेदनशील होती तो पेंशनरों को सड़क पर उतरकर आंदोलन न करना पड़ता।
भारद्वाज ने OPS बहाली को भी “भ्रम फैलाने वाला वादा” बताते हुए कहा कि सरकार अपने बनाए वित्तीय संकट के कारण बुनियादी भुगतान तक करने में असफल है।










