
न्यूयॉर्क/वॉशिंगटन। अमेरिकी कांग्रेस ने 2026 के वित्तीय वर्ष के लिए ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइजेशन एक्ट’ (NDAA) जारी करते हुए भारत के साथ रक्षा सहयोग को व्यापक बनाने पर जोर दिया है। विधेयक में विशेष रूप से क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के माध्यम से सहयोग बढ़ाने की बात कही गई है, ताकि एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित किया जा सके और चीन की बढ़ती चुनौती का सामना किया जा सके।
विधेयक के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री को ऐसे प्रयास जारी रखने चाहिए जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रक्षा गठबंधनों और साझेदारियों को मजबूत करें, ताकि चीन के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका का तुलनात्मक लाभ बढ़े। इसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग, संयुक्त सैन्य अभ्यासों में भागीदारी, रक्षा व्यापार का विस्तार और मानवीय सहायता व आपदा प्रतिक्रिया में सहयोग शामिल है।
इसके अलावा, विधेयक में भारत के साथ समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने की संभावना पर भी जोर दिया गया है। रक्षा मंत्री को विदेश मंत्री के साथ मिलकर एक ऐसी योजना बनानी और लागू करनी होगी, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की रक्षा औद्योगिक क्षमताएं मजबूत हों। इस पहल के तहत देशों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना, आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा सुनिश्चित करना और विभिन्न देशों की प्रणालियों को आपस में संगत बनाना शामिल है।
इस कदम का उद्देश्य सभी सहयोगी देशों के रक्षा उद्योगों को मजबूती प्रदान करना और क्षेत्र में सामरिक संतुलन बनाए रखना है।















