वंदे मातरम् सिर्फ गाने के लिए नहीं, निभाने के लिए होना चाहिए…बोले अखिलेश

नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर विशेष चर्चा की शुरुआत की और कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर है जब सदन में इस गीत की 150वीं वर्षगांठ पर बहस हो रही है। पीएम मोदी ने वंदे मातरम् की भावना को देश के महापुरुषों के सपनों और आज की पीढ़ी के समृद्ध भारत के लक्ष्य से जोड़ा। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में वंदे मातरम् ने देशवासियों को प्रेरित किया और आने वाले समय में यह भावना हमें आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने में मार्गदर्शन करेगी।

पीएम मोदी के भाषण के बाद लोकसभा में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी प्रतिक्रिया दी। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि वंदे मातरम् ने देश को एकजुट किया और स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वह हर चीज पर कब्जा करना चाहता है और वंदे मातरम् जैसी राष्ट्रीय धरोहर का भी अपना श्रेय लेने की कोशिश करता है। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि वंदे मातरम् केवल पढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि इसे अपनाना और उसके मूल्यों का पालन करना आवश्यक है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि संकट के समय देश हमेशा वंदे मातरम् की भावना के साथ खड़ा रहा। चाहे 15 अगस्त और 26 जनवरी के पर्व हों या संविधान की रक्षा की चुनौती, चाहे युद्ध या संघर्ष की परिस्थितियाँ हों, वंदे मातरम् ने देशवासियों को प्रेरित किया और सीमाओं पर हमारे जवानों को अडिग रखा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यही भावना भारत को हर चुनौती में विजयी बनाती रही है।

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