जंगल में चाची और भतीजी के साथ तीन युवकों ने किया गैंगरेप, शर्मसार विवाहिता ने कर ली आत्महत्या; मामले में ASI सस्पेंड

Gang Rape in CG : बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल थाना क्षेत्र में एक बेहद संगीन गैंगरेप का मामला प्रकाश में आया है। 7 नवंबर को झारखंड के कुसुमियादामर निवासी तीन युवकों- सैयद अली (21), फैयाज अंसारी (22), और सोनू अंसारी (30) ने जंगल में लकड़ी लेने गई महिला चाची और उसकी 14 वर्षीय भतीजी से सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों ने धमकी दी कि यदि किसी को कुछ बताया तो हत्या कर देंगे। इस डर से महिला ने रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

महिला का पति और नाबालिग भतीजी के पिता ने तुरंत सनावल थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की और न ही जांच की। परिजनों ने बाद में नवंबर माह में इस मामले की शिकायत आईजी दीपक कुमार झा से की। आईजी ने मामले की जांच कराई, तो पुष्टि हुई कि नाबालिग के साथ गैंगरेप हुआ है। इसके बाद दो एफआईआर दर्ज की गईं। लापरवाही बरतने पर आईजी ने सनावल थाना प्रभारी एसआई गजपति मिर्रे को लाइन अटैच कर दिया और एएसआई रोशन लकड़ा को सस्पेंड कर दिया गया है।

मामले के बारे में बताया गया है कि 7 नवंबर को महिला अपने 14 वर्षीय भतीजी के साथ जंगल में लकड़ी लेने गई थी। इसी दौरान आरोपियों ने उनके साथ गैंगरेप किया और धमकी दी कि यदि किसी को कुछ बताया तो हत्या कर देंगे। इसके बाद दोनों घर लौटे, जहां रात में महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 8 सितंबर को उसकी लाश घर के कोठार में मिली। जबलपुर में काम कर रहे उसका पति तुरंत लौट आया और अंतिम संस्कार कर दिया। नाबालिग से पूछताछ में गैंगरेप की बात सामने आई।

इस घटना के बाद परिजन थाने में शिकायत दर्ज कराए, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने रामानुजगंज एसडीओपी से भी शिकायत की। एसडीओपी ने बताया कि आरोपियों ने फोन कर बेटी को जंगल बुलाया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी। बावजूद इसके, पुलिस ने मामले में कोई FIR नहीं की और न ही जांच शुरू की।

दो महीने तक किसी कार्रवाई न होने पर, परिजनों ने नवंबर में अंबिकापुर आकर आईजी से शिकायत की। आईजी ने मामले की जांच कराई, तो पुष्टि हुई कि नाबालिग के साथ गैंगरेप हुआ है। इसके बाद, 3 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की गई। इस गंभीर मामले में विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए गए हैं। साथ ही, पुलिस अब आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

यह मामला पुलिस की लापरवाही और कार्रवाई में देरी का प्रतीक बन चुका है और विभागीय जांच के साथ-साथ आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज की जा रही है।

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