अमृतसर में ‘यशोदा AI’ ने खोली छात्रों के लिए नई डिजिटल राहें, छात्रों को दिया गया डिजिटल सुरक्षा का ज्ञान

अमृतसर। शिक्षा में टेक्नोलॉजी के समावेश को मज़बूत बनाने के अपने सतत प्रयासों के तहत, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘Yashoda AI’ के तहत, फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (FSL) के सहयोग से, गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में आज एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य, विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बदलती भूमिका और उसके सकारात्मक प्रभावों के साथ-साथ, संभावित दुरुपयोग के खतरों से अवगत कराना था।

वर्कशॉप में, कॉलेज के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से, AI किस तरह शिक्षा, रोजगार और समाज को बदल रहा है, AI के दुरुपयोगों से बचने- जैसे ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर धोखाधड़ी, फेक न्यूज और डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा और टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारी से उपयोग, जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई।

यह सत्र सिर्फ जागरूकता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि छात्रों को वास्तविक AI क्षमताओं से लैस करने पर केंद्रित था, ताकि वे अपने दैनिक जीवन, शिक्षा और भविष्य के पेशेवर करियर में आत्मविश्वास के साथ AI का उपयोग कर सकें।

सत्र ने कॉलेज के विभिन्न विभागों के छात्रों को एक साथ लाया, जिससे उन्हें यह समझने का अवसर मिला कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता किस तरह सीखने, काम करने और समाज को बदल रही है। इसमें, दुरुपयोग से जुड़े जोखिमों—जैसे ऑनलाइन उत्पीड़न और गलत सूचना के प्रसार—के बारे में भी बताया गया, और तकनीक के जिम्मेदार उपयोग के महत्व पर जोर दिया गया।

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्षा, श्रीमती विजया राहतकर के अनुसार, “वास्तविक प्रगति सिर्फ तकनीकी नवाचारों में नहीं, बल्कि इन नवाचारों का जिम्मेदारी और उद्देश्य के साथ उपयोग करने की, हमारी सामूहिक क्षमता में निहित है। छात्रों को, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रति आलोचनात्मक और नैतिक दृष्टिकोण से सक्षम बनाकर, हम ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं, जो अधिकारों की रक्षा करेगी, न्याय प्रणाली को मजबूत करेगी और एक सूचित एवं न्यायसंगत समाज की नींव को सुदृढ़ करेगी।”

फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के संस्थापक, श्री नितिन नारंग ने इस अवसर पर कहा कि, “Yashoda AI, केवल एक कार्यक्रम मात्र नहीं, बल्कि यह भारत के युवाओं में डिजिटल दक्षता और नैतिक जागरूकता विकसित करने का, एक राष्ट्रीय मिशन है। जिम्मेदारी, सुरक्षा और जवाबदेही के सिद्धांतों के साथ AI शिक्षा को जोड़कर, हमारा उद्देश्य, छात्रों को ऐसे जागरूक लीडर बनाना है, जो एक अधिक समावेशी और सुरक्षित डिजिटल भविष्य का निर्माण कर सकें।”

यह, अमृतसर में Yashoda AI का पहला कार्यक्रम था, जो देशभर के छात्रों और समुदायों में, डिजिटल साक्षरता और साइबर सुरक्षा को सुलभ बनाने, अपने मिशन को और आगे बढ़ाता है।

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