
Lucknow : न्यूज़ीलैंड और भारत के बीच कृषि एवं शहद उत्पादकता साझेदारी कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की शहद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रोत्साहित व निर्यात करने तथा तकनीक के आदान-प्रदान के लिए शुक्रवार को प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह से लखनऊ स्थित उनके आवास पर न्यूज़ीलैंड कृषि मंत्रालय के मैनेजर–ट्रेड प्लान इम्प्लीमेंटेशन एशन जयवर्धने ने भेंट की। यह मुलाकात प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में सहयोग कार्यक्रम को तैयार करने और अंतिम रूप देने के उद्देश्य से हुई।
नई दिल्ली स्थित न्यूज़ीलैंड उच्चायोग ने जयवर्धने को इस सहयोग कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के लिए नामित किया है। न्यूजीलैंड का शहद का “मनुका” ब्रांड विश्व विख्यात है। प्रदेश के शहद को इसी स्तर पर लाए जाने हेतु इस साझेदारी के अंतर्गत शहद को प्रमुख सहयोग उत्पाद के रूप में शामिल किया गया है। साथ ही प्रदेश के शहद को पहचान दिलाने के लिए एक “ब्रांड नेम” स्थापित किए जाने का निर्णय भी लिया गया।

बैठक में बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा शहद उत्पादक राज्य है, जहाँ प्राकृतिक, वन्य, जैविक, हर्बल, मल्टी-फ्लोरा, सरसों और नीलगिरी जैसी अनेक प्रकार की शहद किस्में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। गुणवत्ता उन्नयन, प्रमाणन, तकनीक हस्तांतरण, मूल्य संवर्धन और निर्यात बढ़ाने के क्षेत्र में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच व्यापक सहयोग संभावनाएँ मौजूद हैं।
दौरे के दौरान जयवर्धने शहद संग्रह एवं एकत्रीकरण केंद्रों का निरीक्षण करेंगे और उत्पादकों, मधुमक्खी पालकों, संग्राहकों तथा निर्यातकों से संवाद स्थापित करेंगे। इसी क्रम में वह तकनीक आदान–प्रदान, क्षमता निर्माण, मानक सामंजस्य और उत्पादन–निर्यात श्रृंखला को सुदृढ़ करने के अवसरों का भी आकलन करेंगे।
बैठक के उपरांत प्रतिनिधिमंडल के साथ उद्यान निदेशालय में अपर मुख्य सचिव बी.एल. मीणा की अध्यक्षता में शहद उत्पादकों और निर्यातकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श भी किया गया। इस बैठक में निर्यात संवर्धन, गुणवत्ता सुधार, प्रमाणन प्रक्रिया तथा वैश्विक बाजार विस्तार के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर संदीप साहा (क्षेत्रीय ट्रेड एपीडा, पूर्वोत्तर एवं लद्दाख), निदेशक उद्यान बी.पी. राम, संयुक्त निदेशक सर्वेश कुमार एवं राजीव कुमार वर्मा तथा शहद उत्पादक निमित्त सिंह, अजीत कुमार वर्मा तथा अन्य मधुमक्खी पालक कृषक उपस्थित रहे।










