
नई दिल्ली/मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जो घटकर अब 5.25 फीसदी हो गया है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद समीति के फैसलों की जानकारी दी। इसके साथ ही आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी और महंगाई दर के अनुमान को 2.6 फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 3 दिसंबर को शुरू हुई तीन दिवसीय 5वीं दिवसीय द्विमासिक एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि एमपीसी ने आम सहमति से प्रमुख नीतिगत दर रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटाकर 5.25 फीसदी करने का निर्णय किया है।
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रोथ को गति देने के लिए यह फैसला जरूरी थl। उन्होंने कहा कि मजबूत आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति में नरमी के बीच रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में यह कटौती की है। मल्होत्रा ने कहा कि इसके साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 202526 के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 फीसदी से बढ़ाकर 7.3 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा महंगाई दर के अनुमान को 2.6 फीसदी से घटाकर दो फीसदी कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने फरवरी से जून तक रेपो रेट में कुल 1 फीसदी की कटौती की थी, लेकिन पिछली दो बैठकों (अगस्त और सितंबर-अक्टूबर) में इसमें कोई बदलाव नहीं किया था। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.50 फीसदी से घटकर 5.25 फीसदी हो गया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से होम लोन और अन्य लोन की ईएमआई कम होने की संभावना है, जिससे लोगों पर वित्तीय बोझ कम होगा।















