
New Delhi : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज से दो दिन के भारत दौरे पर हैं। यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में यह उनका पहला भारत दौरा है और इसे दोनों देशों के बीच रणनीतिक एवं व्यक्तिगत रिश्तों की मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुतिन का स्वागत करने के लिए पालम एयरपोर्ट पहुंचे, जहाँ उन्हें भव्य तरीके से रिसीव किया गया। इस मौके पर सुरक्षा और प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया। राष्ट्रपति पुतिन की आगमन के साथ ही भारत-रूस संबंधों में नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
दौरे की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा होस्ट किए गए प्राइवेट डिनर से होगी, जो दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने का संकेत है। इसके अगले दिन, 5 दिसंबर को फॉर्मल समिट आयोजित होगी, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, ब्रह्मोस मिसाइल प्रोजेक्ट और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई अहम फैसले लिए जाने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर लगभग 2 बजे हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन के लिए ऑफिशियल लंच होस्ट करेंगे। लंच के बाद दोनों नेताओं के डेलीगेशन-लेवल की वार्ता होगी, जिसमें चल रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा और नए सहयोग के अवसरों पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले, रूस के पहले डिप्टी प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। बैठक में भारत-रूस के बीच इंटरबैंक और क्रेडिट सहयोग, पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, और निवेश सुरक्षा समझौते (Investment Protection Agreement) पर चर्चा हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके रूसी समकक्ष आंद्रेई बेलौसोव ने नेशनल वॉर मेमोरियल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद दोनों मंत्री मानेकशॉ सेंटर में 22वीं भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंटल कमीशन की मिनिस्टीरियल मीटिंग में मिलिट्री और मिलिट्री-टेक्निकल सहयोग पर चर्चा करेंगे।
भारतीय मूल के रूसी सांसद अभय कुमार सिंह ने दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दुनिया मोदी-पुतिन के मजबूत रिश्तों पर नजर रख रही है। उन्होंने इसे वैश्विक स्तर पर जियोपॉलिटिकल दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया।
राष्ट्रपति पुतिन का विमान, जो उन्हें भारत ला रहा है, ऑनलाइन सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली फ्लाइट में से एक बन गया है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व CEO एवं MD सुधीर कुमार मिश्रा ने पुतिन के दौरे को ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ बताया और कहा कि इस दौरे के नतीजे वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य में भारी असर डाल सकते हैं।
दोनों नेताओं की यह मुलाकात न केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक रणनीतिक संतुलन में भी अहम भूमिका निभा सकती है।












