BLO की मौतों पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- SIR के काम का बोझ कम करें

सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि यह एक वैधानिक कार्य है, इसलिए राज्य सरकारें अतिरिक्त कर्मचारी उपलब्ध कराएँगी, ताकि मौजूदा कर्मचारियों पर कार्यभार और कार्य के घंटे आनुपातिक रूप से कम किए जा सकें। साथ ही, कोर्ट ने चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने SIR के दौरान BLOs (Booth Level Officers) की मौतों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अदालत ने निर्देश दिया है कि BLOs पर काम का बोझ कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। यह जिम्मेदारी राज्यों की है कि वे अधिक कर्मचारी लगाएं ताकि कार्य के घंटे और कार्यभार को उचित रूप से नियंत्रित किया जा सके। यदि किसी कर्मचारी के पास ड्यूटी से छूट मांगने का कोई विशेष कारण है, तो संबंधित अधिकारी केस-टू-केस आधार पर इस पर विचार कर सकते हैं।

अदालत ने स्पष्ट किया कि जहाँ आवश्यक हो, वहां कर्मचारी की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि वर्तमान में 10,000 कर्मचारी हैं, तो आवश्यकता पड़ने पर उसे 20,000 या 30,000 तक भी बढ़ाया जा सकता है। यदि कोई कर्मचारी बीमार या असमर्थ है, तो राज्य वैकल्पिक कर्मचारी तैनात कर सकता है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि इसका अर्थ यह नहीं है कि चुनाव आयोग को आवश्यक वर्कफ़ोर्स लगाने के लिए मजबूर किया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार, कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

सीजेआई सूर्यकांत ने अपने टिप्पणी में कहा, “BLOs राज्य सरकार के कर्मचारी हैं। यदि कोई कर्मचारी बीमार या असमर्थ है, तो सरकार वैकल्पिक कर्मचारी तैनात कर सकती है।” उन्होंने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता ने 9 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों से डेटा प्रस्तुत किया है, जिनमें से कई जगहों पर BLOs के परिवार अनाथ हो गए हैं या माता-पिता बिछड़ गए हैं क्योंकि ECI (निर्वाचन आयोग) ने BLOs को सेक्शन 32 के नोटिस भेजे हैं।

वहीं, चुनाव आयोग ने इस याचिका को “पूरी तरह झूठा और बेबुनियाद” बताया है और कहा कि इस तरह के आरोपों को खारिज किया जाना चाहिए।

गौरतलब है कि तमिलनाडु के राजनीतिक दल टीवीके ने इस मामले में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत दलीलों में कहा गया कि अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 35 से 40 BLOs की मृत्यु काम के अत्यधिक दबाव के कारण हुई है। इन मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग की गई है।

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