
Putin Visit India : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत में एक बड़ी उम्मीद जगी है। भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के साथ-साथ अब पुतिन के भारत दौरे ने उन भारतीय नागरिकों के परिजनों में राहत की सांस दी है, जो रूस में फंसे हुए हैं। इन सभी का मानना है कि भारत सरकार अब उनके परिजनों की सुरक्षित वापसी के लिए रूस से तत्काल बातचीत कर सकती है।
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाई आवाज
लोकसभा में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रूस में फंसे 61 भारतीय नागरिकों की वतन वापसी की मांग को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि रूस से तुरंत वार्ता कर इन भारतीयों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला जाए और जल्द से जल्द स्वदेश लाया जाए।
धोखे से युद्ध क्षेत्र में भेजे गए थे भारतीय युवा
सांसद बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों के नागरिक स्टडी वीजा और वर्क वीजा पर रूस गए थे, लेकिन एजेंटों के धोखे से उन्हें युद्ध क्षेत्र में भेजने का पता चला है। उन्होंने बताया कि ये युवा कई महीनों से रूस-यूक्रेन युद्ध में जबरन सैन्य गतिविधियों में लगाए गए हैं। परिवारों से संपर्क टूट चुका है और वे अपने परिजनों से महीनों से बात नहीं कर पाए हैं।
रूस में फंसे युवाओं के परिजनों का दिल्ली में धरना
परिजनों ने अपनी पीड़ा और चिंता जाहिर करते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया है। सांसद बेनीवाल ने कहा कि इन परिवारों ने 3 नवंबर और 1 दिसंबर को दिल्ली में धरना देकर अपनी बात सरकार तक पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि इन युवकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और रूस सरकार से तुरंत बातचीत कर उन्हें युद्ध क्षेत्र से निकाला जाए।
सांसद बेनीवाल ने त्वरित कार्रवाई की मांग की
उन्होंने कहा कि एजेंटों ने युवाओं को नौकरी और सामान्य कार्य का झांसा देकर उन्हें युद्ध में भेजा, जो कि अत्यंत गंभीर और जघन्य अपराध है। केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इन युवाओं की तुरंत रेस्क्यू कर स्वदेश लाने के प्रयास तेज किए जाएं।
मेवाड़ से दक्षिण भारत के लिए रेलगाड़ियों की मांग
इसी बीच, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने लोकसभा में क्षेत्र की यातायात से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र के लोग व्यापार, नौकरी, उच्च शिक्षा और पारिवारिक आयोजनों के लिए मुंबई और दक्षिण भारत (विशेषकर चेन्नई) जाते हैं। लेकिन वर्तमान में उदयपुर से मुंबई और दक्षिण के लिए केवल एक दिन छोड़कर ट्रेनों का संचालन होता है, जिससे वेटिंग लिस्ट और टिकट की कमी जैसी समस्याएं बनी रहती हैं।
सामरिक मार्ग का उपयोग कर नई रेलगाड़ियों का संचालन
सांसद ने कहा कि उदयपुर से अहमदाबाद रेलवे सेक्शन पूर्ण रूप से विद्युतीकृत है, और वहां से लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन तकनीकी और प्रशासनिक रूप से संभव है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि मुंबई और दक्षिण भारत से सीधे मेवाड़ क्षेत्र को जोड़ने के लिए नई रेलगाड़ियां चलाने पर विचार किया जाए।
सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी की मांग
इस बीच, उदयपुर से सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने भील युवाओं के हित में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के भील जनजाति को केंद्र सरकार द्वारा दक्षिण राजस्थान में एक केंद्रीय ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाए।
जनजाति की एकता और पहचान को लेकर चिंता
सांसद रावत ने कांग्रेस सांसद गोवाल कागड़ा की जनजाति को लेकर अलग धर्म कोड की मांग को गलत बताया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में भील जनजाति हिंदू ही है। रावत ने कहा कि भील जनजाति देश की सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति में से एक है, जिसकी आबादी लगभग तीन करोड़ है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम का बलिदान हो या हल्दीघाटी का युद्ध, इस जनजाति ने हमेशा देश की रक्षा में अपनी भूमिका निभाई है।
सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं जैसे ‘प्रधानमंत्री जनमन योजना’ और ‘धरती आबा’ योजना के माध्यम से भील जनजाति का उत्थान किया गया है। उन्होंने मांग की कि भील बाहुल्य क्षेत्रों में ‘धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान’ के तहत एक केंद्रीय ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जानी चाहिए, ताकि इस जनजाति का सामाजिक और शैक्षिक विकास हो सके।
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