
तपोवन(धर्मशाला) : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) देने का ऐतिहासिक फैसला किया। उन्होंने बताया कि इस निर्णय का वित्तीय असर तुरंत सामने आया और केंद्र ने राज्य की 1,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधार सीमा रोक दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक 5,356 कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जा चुका है और जैसे-जैसे कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे, सरकारी खजाने पर भार बढ़ता जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने ओपीएस किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू की है। सीएम के अनुसार, पिछले तीन साल में 21,000 कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस छोड़कर ओपीएस चुन चुके हैं।
सत्र के दौरान सीएम सुक्खू ने लंदन यात्रा से जुड़े आरोपों पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह बेटी के दाखिले के लिए निजी खर्च पर लंदन गए थे और चाय-खाना तक का बिल भी ऑनलाइन अपने खाते से भुगतान किया। यह सवाल भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा पूछा गया था, लेकिन उनके अनुपस्थित होने के बावजूद मुख्यमंत्री ने प्रश्नकाल के बाद जवाब प्रस्तुत किया।
इसके अलावा सदन में नगर निगम द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया, जिसके तहत नगर निगम के महापौर और उपमहापौर के कार्यकाल को बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है। विपक्ष की गैर मौजूदगी में विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। साथ ही नगरपालिका द्वितीय संशोधन विधेयक 2025 भी पारित कर दिया गया।















