
Gonda : मंडलीय जिला कारागार में हत्या के आरोप में बंद एक विचाराधीन कैदी मनोज की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने से रास्ते में मौत हो गई। जेल प्रशासन ने मौत का कारण सीवियर हार्ट अटैक बताया है, जबकि मृतक के परिजनों ने इसे साजिशन हत्या बताते हुए जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मनोज पिछले करीब नौ महीने से गोंडा जिला जेल में अपने भाई और साले के साथ निरुद्ध था। उस पर दत्तनगर विसेन में इंद्रसेन की हत्या का आरोप है। यह मामला इसी साल 16 मार्च को तब सामने आया था, जब इंद्रसेन का सिर खैरा गांव से बरामद हुआ था।
जेल प्रशासन के अनुसार, मनोज दाढ़ी बनवाने के बाद नहाने जा रहा था कि अचानक चक्कर आया और वह जमीन पर बैठ गया। डॉक्टर ने सीपीआर दिया, लेकिन राहत नहीं मिली। इसके बाद उसे तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ रास्ते में उसकी मौत हो गई।
प्रशासन ने प्राथमिक तौर पर मनोज की तबीयत खराब होने की सूचना परिजनों को दी। परिजन जिला अस्पताल पहुँचे तो शव देखकर उन्होंने हंगामा कर दिया और आरोप लगाया कि मनोज को हार्ट अटैक नहीं आया, बल्कि उसकी हत्या की गई है। परिजनों ने जेल प्रशासन को मनोज की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
गोंडा जेल अधीक्षक मृत्युंजय पांडेय ने कहा कि कैदी की मौत हार्ट अटैक से हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।










