
Ayodhya : अयोध्या की बाबरी मस्जिद को लेकर अक्सर सियासी विवाद छिड़ता रहता है। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद की मरम्मत सरकारी फंड से करवाना चाहते थे। उनके इस दावे को लेकर राजनीति गरम हो गई है।
वहीं, अब कांग्रेस ने रक्षा मंत्री के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा कि बीजेपी झूठ फैला रही है और इस संबंध में कोई भी दस्तावेज या आधिकारिक सबूत मौजूद नहीं है।
मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “नेहरू जी धार्मिक कार्यों के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल करने के सख्त खिलाफ थे। उनका मानना था कि यह काम जनता के सहयोग से होना चाहिए।”
उनका सवाल है कि यदि नेहरू जी ने सोमनाथ मंदिर जैसे आस्था के प्रतीक स्थल के लिए सरकारी पैसा देने से मना कर दिया था, तो फिर बाबरी मस्जिद के लिए जनता का पैसा क्यों खर्च किया जाना चाहिए था?
रक्षा मंत्री ने यह बयान हाल ही में पूर्व उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह के दौरान दिया था। उन्होंने कहा था, “पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को जनता के पैसे से दोबारा बनाने की इच्छा रखते थे। यदि कोई उनके इस प्रस्ताव के खिलाफ था, तो वह सरदार पटेल थे। उन्होंने सरकारी पैसे से बाबरी मस्जिद बनाने की अनुमति नहीं दी।”
अतिरिक्त रूप से, राजनाथ सिंह ने सोमनाथ मंदिर का उदाहरण देते हुए कहा, “एक ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए सरकार से एक भी पैसा नहीं लिया गया था। इसी तरह राम मंदिर के निर्माण में भी सरकार ने कोई पैसा नहीं दिया है। इसमें जनता ने अपना सहयोग दिया है। यह ही असली सेकुलरिज्म है।”
विपक्षी दलों से प्रतिक्रिया देते हुए, मणिकम टैगोर ने कहा, “रक्षा मंत्री का यह बयान न केवल इतिहास के बारे में गलतफहमी पैदा कर रहा है, बल्कि राजनीति के पुराने राग को फिर से जीवित करने की कोशिश भी है। बीजेपी की रणनीति हमारे फाउंडर्स को नीचा दिखाने और मनगढ़ंत कहानी बनाने की है। यह सब झूठ का पुलिंदा है।”
यह भी पढ़े : सदन में भड़क गए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, गुस्से में बोले- ‘आइंदा फोटो खींचा तो…’















