
एक पॉलिसी – चाहे वो हेल्थ इंश्योरेंस हो, लाइफ इंश्योरेंस हो, कार इंश्योरेंस हो या बाइक इंश्योरेंस हो, किसी भी अप्रत्याशित वित्तीय नुकसान की स्थिति में एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती। है। लेकिन, अब धोखेबाज़ों ने इसका फायदा उठाकर, भोले-भाले लोगों को ठगने के नए तरीके खोज लिए हैं।
इंश्योरेंस फ़्रॉड में, धोखेबाज़ झूठे वादों (जैसे कम प्रीमियम, फर्जी सीमित छूट) का लालच देकर लोगों को फँसाते हैं। वे झूठी जानकारी और धोखे का सहारा लेते हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य, इंश्योरेंस की आड़ में पीड़ितों से अवैध रूप से पैसा हड़पना होता है।
यहाँ इंश्योरेंस फ़्रॉड के कुछ सामान्य उदाहरण दिए गए हैं:
- फर्जी ऑफर देना: धोखेबाज पीड़ितों से संपर्क करते हैं और उन्हें अत्याधिक कम प्रीमियम या विशेष डील्स का लालच देते हैं। वे उन्हें झाँसा देकर पर्सनल या बैंकिंग डिटेल्स शेयर करने के लिए मजबूर करते हैं।
- फर्जी इंश्योरेंस वेबसाइट बनाना: साइबर अपराधी, बिकुल असली इंश्योरेंस पोर्टलों की तरह दिखने वाली वेबसाइटें बनाते हैं। उनका लक्ष्य पर्सनल जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स चुराना या नकली पॉलिसियों के लिए पेमेंट कराना होता है।
- फ़िशिंग ईमेल भेजना: फ़िशिंग ईमेल, आजकल फ्रॉड का एक आम तरीका बन चुका है, जहाँ धोखेबाज़ आपको भ्रामक मैसेज भेजते हैं। इनका उद्देश्य संवेदनशील जानकारी चुराना या दुर्भावनापूर्ण लिंक/अटैचमेंट के माध्यम से मैलवेयर (malware) इंस्टॉल कराना होता है।
- UPI और डिजिटल पेमेंट स्कैम करना: ऐसे स्कैम में, धोखेबाज अपना पर्सनल UPI लिंक या QR कोड शेयर करते हैं, और उसे ही वैलिड इंश्योरेंस पेमेंट लिंक होने का दावा करते हैं। वे इंश्योरेंस पेमेंट या छूट की आड़ में पीड़ितों को अपने पर्सनल अकाउंट्स में पैसा ट्रांसफर करने के लिए फुसलाते हैं, जिससे अनधिकृत रूप से पैसे ट्रांसफर होता है।
इंश्योरेंस फ़्रॉड को पहचानने के लिए, यहाँ कुछ सामान्य संकेत (रेड फ़्लैग) बताए गए हैं- जैसे बहुत कम प्रीमियम या बड़े लाभ वाले झूठे ऑफ़र, “लिमिटेड-टाइम ऑफर”’ या पॉलिसी बंद होने की धमकी देकर दबाव डालना या फिर UPI या निजी अकाउंट जैसे अनऑफिशियल तरीकों से पेमेंट माँगना, बिना सुरक्षा (जैसे HTTPS नहीं) या कॉन्टैक्ट डिटेल्स वाली वेबसाइट, OTP, UPI पिन, या अकाउंट डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारी माँगना, और पर्सनल या फाइनेंशियल डिटेल्स माँगने के लिए अचानक कॉल, ईमेल, या मैसेज आना।
फोनपे के साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट्स ने यूजर्स को ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव शेयर किए हैं।
इंश्योरेंस ख़रीदने से पहले, कस्टमर इंश्योरर का इतिहास, वित्तीय स्थिति, लाइसेंस और कस्टमर रिव्यू को चेक करके खुद को धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।। प्रीमियम का पेमेंट करते समय, कैश देने से बचें। हमेशा ऑनलाइन पोर्टल या कार्ड पेमेंट जैसे सुरक्षित तरीके अपनाएँ, ताकि आपके पास पेमेंट का प्रूफ रहे। याद रखें, अपना पर्सनल डाटा, हमेशा केवल भरोसेमंद लोगों और सुरक्षित माध्यमों पर ही शेयर करें। सबसे ज़रूरी बात, कस्टमर्स को पॉलिसी की वैधता सुनिश्चित करने के लिए, पॉलिसी के नियम और शर्तों (Terms) को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
अगर आप PhonePe पर किसी इंश्योरेंस फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो आप तुरंत PhonePe ऐप पर या कस्टमर केयर नंबर 080–68727374 / 022–68727374 पर कॉल करके, या PhonePe के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसे स्कैम की रिपोर्ट कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने नज़दीकी साइबर क्राइम सेल में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं, https://www.cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं या साइबर क्राइम सेल हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क कर सकते हैं। आप संचार साथी पोर्टल पर चक्षु सुविधा के माध्यम से संदिग्ध संदेशों, कॉल या व्हाट्सएप धोखाधड़ी की रिपोर्ट करके दूरसंचार विभाग (DOT) से भी संपर्क कर सकते हैं। आप PhonePe ग्रीवांस पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।















