
Bijnor : जिलाधिकारी जसजीत कौर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला गंगा समिति, जिला वृक्षारोपण समिति एवं जिला पर्यावरण समिति, मानव गुलदार संघर्ष निवारीकरण समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने गंगा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि सभी नगर निकायों में यह जांच कराना सुनिश्चित करें कि कोई भी नाला या सीवर का गंदा पानी गंगा नदी में प्रवाहित न हो रहा हो। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी को स्वच्छ रखने के लिए उनमें शहर के गंदे पानी को जाने से रोकने की कार्रवाई प्रमुखता से करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष कर गंगा तटीय गांवों में ग्राम वनों का विकास करें तथा गंगा घाट पर स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था और जर्जर शौचालय की मरम्मत करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने पर्यावरण समिति की बैठक की समीक्षा के दौरान वायु प्रदूषण के मानकों का अनुपालन न करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करने तथा जुर्माना लगाने तथा चालानों में बढोतरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारी को निर्देश कि शेष रह गए अस्पतालों में शत प्रतिशत बारकोड लगाना सुनिश्चित करें और बारकोड के आधार पर ही अस्पतालों से बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने वृक्षारोपण की समीक्षा के दौरान सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी सत्र में होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम के लिए बड़े स्थलों का चयन करते हुए उनकी सूची बनाकर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने निर्देश दिए कि पौधों का शत प्रतिशत रूप से जियो टैग करना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने अपने विभाग की पौधारोपण पंजिका को अद्यतन रखना भी सुनिश्चित करें। तदोपरांत जिलाधिकारी जसजीत कौर द्वारा मानव-गुलदार संघर्ष न्यूनीकरण संबंधी बैठक की समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने ब्लॉक अफजलगढ़ के मच्छमार और इमरतपुर में मृतक पशुओं को खुले में डालने की शिकायत पर पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए कि उक्त ग्रामों के प्रधानों से वार्ता कर मृतक पशुओं को सही प्रकार से डिस्पोज कराना एवं मृतक पशुओं के डिस्पोज के प्रति जागरूक करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए की जहां-जहां गुलदार की घटनाएं हो रही है वहां पर गुलदार से बचाव के लिए जागरूकता कैंप लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए की जहां पर भी गुलदार देखा जा रहा है वहां पर पूर्व में ही सभी तैयारी करना सुनिश्चित करें तथा ग्राम वासियों को प्रेरित करें कि गन्ने की बुवाई करतेवक्त थोड़ी जगह अवश्य छोड़ें जिससे कि गुलदार को छुपने के लिए स्थान ना मिले। उ
न्होंने निर्देशित किया कि जो पिंजरे वन विभाग को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, उनमें पूरे मानकों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि पंचायत राज अधिकारी से समन्वय स्थापित कर गुलदार प्रभावि अति संवेदनशील क्षेत्रों में टीमों का गठन कर टीम के सदस्यों को गुलदार से बचाव से संबंधित निरंतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराएं और टीम में स्वयंसेवी वन मित्रों को भी अनिवार्य रूप से शामिल रखा जाए ताकि उनके द्वारा गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे को लगाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि गुलदार हमले से घायल लोगों को जांच के आधार पर मुआवजा भी दिलाना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रणविजय सिंह, डीएफओ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कौशलेंद्र सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कुणाल रस्तोगी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।










