
अजमेर : अजमेर स्थित विश्वप्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में सेवाएं देने वाले खादिमों के लिए अब लाइसेंस अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर दरगाह कमेटी ने 75 वर्षों में पहली बार खादिमों को लाइसेंस जारी करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को दरगाह नाजिम मोहम्मद बिलाल खान ने इसका आधिकारिक विज्ञापन जारी किया।
नाजिम के अनुसार यह प्रणाली केवल दरगाह ख्वाजा साहब से संबंधित सैयद जादगान और शेख जादगान समुदाय के खादिमों पर लागू होगी। सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश, केंद्र-राज्य सरकारों के निर्देश, प्रशासनिक रिपोर्टों और सुरक्षा ऑडिट की सिफारिशों के बाद यह निर्णय लागू किया जा रहा है। दरगाह ख्वाजा साहब अधिनियम 1955 की धारा 11(एफ) में जायरीन की सुरक्षा, सुविधा और खादिमों की भूमिका को लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं।
आवेदन प्रक्रिया
आवेदन-पत्र और सभी नियम–शर्तें दरगाह कमेटी की वेबसाइट से डाउनलोड किए जा सकते हैं।
पूर्ण दस्तावेजों सहित आवेदन 5 जनवरी 2026 तक नाजिम कार्यालय में जमा कराना होगा।
इतिहास में पहली बार ऐसा कदम
कमेटी गठन के बाद से अब तक
- 3 एडमिनिस्ट्रेटर
- 37 नाजिम
अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, लेकिन किसी भी कार्यकाल में लाइसेंस प्रणाली लागू नहीं की गई। वर्तमान नाजिम मोहम्मद बिलाल खान के प्रयासों से इसे शुरू किया गया है।
खादिम समुदाय में मतभेद
लाइसेंस व्यवस्था पर चर्चा के लिए नाजिम द्वारा 24 और 27 नवंबर को बुलाई गई बैठकों में कोई खादिम उपस्थित नहीं हुआ। वहीं, खादिम मोहल्ले में अंजुमन सदर की अध्यक्षता में अलग बैठक कर मुद्दे पर राय कायम करने की कोशिश की गई।
प्रशासन को उम्मीद है कि लाइसेंस व्यवस्था लागू होने से दरगाह में जियारत प्रणाली अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और व्यवस्थित होगी तथा जायरीन की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सकेगी।















