इमरान खान को लेकर पाकिस्तान में तनाव चरम पर, रावलपिंडी में कर्फ्यू, सेना सड़कों पर उतरी; शहबाज सरकार बढ़ते जनविरोध से घिरी

New Delhi : पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार इमरान खान के समर्थकों के गुस्से से खौफ में सांस ले रही है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल में ‘हत्या’ की अफवाहों ने पूरे देश को आग की तरह झुलस दिया है। रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ता रात-दिन धरना दे रहे हैं, जबकि सरकार ने शहर में धारा 144 लागू कर कर्फ्यू जैसी सख्ती कर दी है। सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की तैनाती वाली सेना सड़कों पर उतर आई है, और सभी रास्ते जेल की ओर सील कर दिए गए हैं। क्या ये अफवाहें सच हो रही हैं, या राजनीतिक साजिश? आइए, इस उबलते हालात की पूरी तस्वीर देखते हैं।

अफवाहों का तूफान: 28 दिनों से ‘लापता’ इमरान, परिवार ने मांगा ‘सबूत-ए-जिंदगी’
इमरान खान को अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद किया गया है, जहां उन पर भ्रष्टाचार और अन्य राजनीतिक मामलों में सजा सुनाई गई। लेकिन पिछले 28 दिनों 4 नवंबर से किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं मिली – न परिवार को, न वकीलों को, न PTI नेताओं को। इससे अफवाहें फैल गईं कि सेना ने जेल में ही इमरान की हत्या कर दी है।

इमरान के बेटे सुल्तान खान ने सोशल मीडिया पर खुला ऐलान किया: “पिता के जिंदा होने का सबूत दो, वरना हम सड़कों पर उतरेंगे। PTI की वरिष्ठ नेता शहजाद फारूक अब्बासी ने कहा, “ये साजिश है। इमरान को मारकर सत्ता हथियाने की कोशिश। सोशल मीडिया पर #ProofOfLifeForImranKhan ट्रेंड कर रहा है, जहां हजारों पोस्ट्स में हत्या की थ्योरीज़ वायरल हो रही हैं। PTI का दावा है कि जेल में हमले की साजिश रची गई, लेकिन सरकार ने इसे ‘बकवास अफवाहें’ बताकर खारिज कर दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “इमरान स्वस्थ हैं, मुलाकातें सुरक्षा कारणों से रोकी गईं।” लेकिन बिना सबूत के ये दावे हवा में उड़ रहे हैं।

कर्फ्यू का ऐलान: रावलपिंडी ‘लॉकडाउन’, PTI की ‘मेगा प्रोटेस्ट’ को कुचलने की कोशिश
रावलपिंडी को पाक सेना का ‘गढ़’ कहा जाता है, लेकिन आज यहीं तनाव चरम पर है। डिप्टी कमिश्नर डॉ. हसन वकार चीमा ने 1 दिसंबर को कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (पंजाब संशोधन) एक्ट 2024 के तहत धारा 144 लागू कर दी। ये 3 दिनों (1-3 दिसंबर) के लिए है, जिसका मकसद ‘सार्वजनिक शांति और सुरक्षा’ सुनिश्चित करना बताया गया। लेकिन PTI इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ बता रही है।
इस्लामाबाद में तो 18 नवंबर से ही 2 महीने का कर्फ्यू जैसा प्रतिबंध है। PTI ने मंगलवार को अदियाला जेल और इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर ‘मेगा प्रोटेस्ट’ का ऐलान किया था, जहां खैबर पख्तूनख्वा के सीएम सोहेल अफरीदी और इमरान की बहनें भी पहुंचने वाली थीं। लेकिन सड़कें सील, बैरिकेड्स लगे, और स्कूल-दुकानें बंद। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सुबह से PTI कार्यकर्ता जेल के बाहर जमा हो रहे हैं, लेकिन पुलिस की भारी फोर्स ने उन्हें तितर-बितर कर दिया।

कर्फ्यू के सख्त नियम: क्या-क्या बैन?
धारा 144 के तहत ये प्रतिबंध लगे हैं, ताकि हिंसा न भड़के:

प्रतिबंधविवरणसार्वजनिक जमावड़े5 से ज्यादा लोगों का इकट्ठा होना, धरना, जुलूस, विरोध प्रदर्शन पूरी तरह बैन।हथियार और विस्फोटकपेट्रोल बम, कीलें, डंडे, हथियार या कोई भी खतरनाक चीज लेकर घूमना प्रतिबंधित।भड़काऊ गतिविधियांहथियार लहराना, नफरत फैलाने वाले भाषण, लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद।ट्रैफिक और सुरक्षापुलिस के ट्रैफिक प्रतिबंधों का सख्त पालन; उल्लंघन पर तत्काल गिरफ्तारी।

उल्लंघन करने वालों को ‘शूट-एट-साइट’ ऑर्डर की चेतावनी दी गई है। X (पूर्व ट्विटर) पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां PTI समर्थक नारे लगाते दिख रहे: “इमरान खान जिंदा है, तानाशाहों को मारेंगे!
सड़कों पर मुनीर की सेना: डिजिटल ब्लैकआउट का खतरा
रावलपिंडी और इस्लामाबाद की सड़कों पर आर्मी की भारी तैनाती है। जनरल आसिम मुनीर के नेतृत्व में सेना ने जेल के आसपास किले जैसी सुरक्षा बना ली। PTI कार्यकर्ताओं को गिरफ्तारियां हो रही हैं, और इंटरनेट पर सेंसरशिप की आशंका है। विशेषज्ञों का कहना है, ये डिजिटल कर्फ्यू का दौर है – सोशल मीडिया ब्लॉक हो सकता है, ताकि अफवाहें न फैलें। PTI ने सभी सांसदों को जेल पहुंचने का आदेश दिया था, लेकिन अब ये ‘ब्लैक डे’ में बदल गया।

शहबाज सरकार की फजीहत: क्या इमरान का मुद्दा उखाड़ फेंकेगा सत्ता?
पाकिस्तान की आर्थिक कमर टूटी हुई है, महंगाई आसमान छू रही, और अब इमरान का मुद्दा सरकार के लिए सिरदर्द। PTI का दावा है कि 2024 चुनावों में धांधली से शहबाज सत्ता में आए। इमरान की बहन अलीम खान ने कहा, हम चुप नहीं बैठेंगे। ये जुल्म का अंत होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं Amnesty International ने ‘राजनीतिक कैदियों के अधिकार’ पर चिंता जताई।

लेकिन सरकार का स्टैंड साफ: अफवाहें फैलाने वालों को सजा मिलेगी।
पाकिस्तान एक बार फिर उबाल पर है। क्या PTI का प्रोटेस्ट क्रांति बन जाएगा, या सेना दबा देगी? दुनिया देख रही है। फिलहाल, रावलपिंडी की सड़कें खामोश हैं, लेकिन आग के नीचे सुलग रही हैं।

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