
New Delhi : संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यसभा में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। हालांकि सभापति सीपी राधाकृष्णन ने हंगामे के बीच शून्यकाल को जारी रखा। इस दौरान सदस्यों ने प्रदूषण, पानी की समस्या, आंगनवाड़ी में श्रीअन्न शामिल करने, उत्तर प्रदेश में भोजपुरी अकादमी की स्थापना करने जैसे कई विषयों को सामने रखा।
इस बीच में एसआईआर पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नियम 267 के तहत विषयों और नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम बताने की परंपरा रही है। उन्होंने सभापति से सदन के एक पक्ष पर ध्यान देने का अनुरोध किया। खरगे ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू एसआईआर पर चर्चा से बच रहे हैं, जबकि सभापति ने कहा कि मंत्री ने इस पर विचार किया है और बाद में अपनी प्रतिक्रिया देंगे। खरगे ने एसआईआर पर अभी चर्चा करने का अनुरोध किया।
सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने कहा है कि विपक्षी नेताओं के साथ बहुत जल्द एक बैठक होगी और उसके अनुसार हम निर्णय लेंगे। संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने अनुरोध किया कि किसी भी चीज़ पर समय-सीमा की शर्त न लगाई जाए।
सबकुछ अभी नहीं हो सकता, देश में कई मुद्दे हैं, एक मुद्दे को कमतर करके दूसरा मुद्दा नहीं उठाना चाहिए।डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया और कहा कि चर्चा की अनुमति न देने का कोई कारण नहीं बताया गया।
उन्होंने नियम 239 के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया और सवाल किया कि एसआईआर पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है। उनका कहना है कि सभापति ने नियम 267 के नोटिस को अस्वीकार करने का कोई कारण नहीं बताया है। सदन में नारेबाजी और हंगामे के चले सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।















