
New Delhi : राजधानी की भागदौड़ भरी सुबह एक बार फिर हादसे की भेंट चढ़ गई। मंगलवार 2 दिसंबर को सुबह करीब 6:50 बजे कश्मीरी गेट के पास राज निवास मार्ग पर एक प्राइवेट बस में अचानक आग लग गई। उस वक्त बस में करीब 20 यात्री सवार थे, जो ऑफिस और स्कूल के लिए निकले थे। चीख-पुकार मच गई, लेकिन ड्राइवर और आसपास के लोगों की फुर्ती से सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई।
दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) को सूचना मिलते ही तुरंत दो फायर टेंडर घटनास्थल पर पहुंचे।
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बस का इंजन और सीटें धधकने लगीं, लेकिन फायरफाइटर्स ने महज 25-30 मिनट में आग पर काबू पा लिया। इसके बाद कूलिंग ऑपरेशन चलाया गया ताकि कोई बाद की घटना न हो। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह की ठंड में धुआं इतना घना था कि विजिबिलिटी शून्य हो गई, और ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बन गई। दिल्ली पुलिस ने इलाके को घेर लिया और यातायात को डायवर्ट कर दिया।
क्या थी आग की वजह? जांच जारी
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या इंजन में खराबी को आग का मुख्य कारण माना जा रहा है। बस दिल्ली-NCR रूट पर चलने वाली प्राइवेट कंपनी की थी, जो कश्मीरी गेट ISBT के पास रुककर यात्रियों को चढ़ा रही थी। अधिकारियों ने कहा कि बस की मेन्टेनेंस हिस्ट्री और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच की जा रही है। दिल्ली में हाल के महीनों में DTC बसों में आग लगने की घटनाओं के बाद परिवहन विभाग पहले से ही सेफ्टी ऑडिट पर जोर दे रहा है। IIT दिल्ली की एक स्टडी ने भी बसों के वायरिंग और बैटरी सिस्टम में कमजोरियों की ओर इशारा किया था, जिसके बाद अपग्रेडेशन का काम तेज हो गया है।
यात्रियों के अनुभव: ‘धुआं भर गया, सांस लेना मुश्किल’
राहुल शर्मा (ऑफिस गोइंग): “बस में बैठे ही थे कि अचानक धुआं निकला। ड्राइवर ने चिल्लाकर सबको बाहर निकाला। मेरी बैग तो जल गई, लेकिन जान बची।”
सीमा देवी (घरेलू कामगार): “बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रही थी। आग की लपटें देखकर डर लग गया। फायर ब्रिगेड को धन्यवाद, वरना…।”
पुलिस और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि कोई आपराधिक साजिश नहीं लग रही, लेकिन CCTV फुटेज की जांच से पुष्टि होगी। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट कर यात्रियों को वैकल्पिक रूट्स की सलाह दी है।
सेफ्टी पर सवाल: क्या दिल्ली की बसें सुरक्षित?
यह घटना दिल्ली में बसों की सुरक्षा पर फिर से बहस छेड़ रही है। अक्टूबर में राजस्थान के मनोहरपुर में एक स्लीपर बस में आग लगने से दो की मौत हो गई थी, जो हाई-टेंशन वायर टच करने से हुई। दिल्ली में भी हाल ही में DTC की इलेक्ट्रिक बसों में आग की तीन घटनाएं दर्ज हुईं। परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने साफ कहा है, “सुरक्षा में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं। सभी बसों का तुरंत ऑडिट होगा।” विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि इमरजेंसी एग्जिट, फायर सप्रेशन सिस्टम और रेगुलर चेकअप अनिवार्य हों।
दिल्लीवासी अब सवाल उठा रहे हैं – क्या ये हादसे रुकेंगे? फिलहाल, राहत की सांस लेते हुए यात्री अपनी जिंदगी में लौट रहे हैं, लेकिन सेफ्टी के पाठ अभी बाकी हैं।















