
New Delhi : राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में एक बार फिर जहरीली धुंध की मोटी चादर छा गई है। ठंड बढ़ने के साथ हवा की रफ्तार कम होने और पराली जलाने के धुएं के असर से प्रदूषण ने फिर राकेट पकड़ लिया है। मंगलवार सुबह प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया कि कई इलाकों में विजिबिलिटी बेहद कम हो गई और लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 333 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है। हालांकि कुछ ही घंटों में कई इलाकों में यह 400 के करीब पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ (Severe) की दहलीज पर है।
सबसे प्रदूषित इलाके (सुबह 9 बजे तक के आंकड़े):
चांदनी चौक: 397
बवाना: 390
आनंद विहार: 383
मुंडका: 359
नरेला: 366
बुराड़ी: 363
रोहिणी: 354
जहांगीरपुरी: 349
अलीपुर: 347
इंदिरापुरम (गाजियाबाद): 344
आईटीओ: 331
द्वारका सेक्टर-8: 324
ग्रेटर नोएडा: 315 के करीब
एनसीआर के अन्य शहरों में भी हाल बेहतर नहीं:
गुरुग्राम सेक्टर-51: 308
नोएडा सेक्टर-62: 299
फरीदाबाद: 282
गाजियाबाद वसुंधरा: 239 (तुलनात्मक रूप से थोड़ा कम, लेकिन फिर भी ‘खराब’)
राहत कब तक?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले 48-72 घंटों तक हवा की गति बहुत कम रहेगी और तापमान में गिरावट जारी रहेगी। इसके चलते प्रदूषण के और बढ़ने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि 4-5 दिसंबर के आसपास पश्चिमी विक्षोभ के असर से हवा की दिशा और रफ्तार में बदलाव हो सकता है, जिससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि तब तक ग्रैप-4 (GRAP Stage-IV) के सख्त नियम लागू रहने की पूरी संभावना है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
डॉक्टरों का कहना है कि 300 से ऊपर AQI वाले क्षेत्रों में बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा-दमा के मरीजों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। लगातार स्मॉग के संपर्क में रहने से आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या में 20-25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
दिल्लीवाले एक बार फिर मास्क, एयर प्यूरीफायर और घर के अंदर रहने की मजबूरी में जीने को मजबूर हैं। सवाल वही पुराना है – यह जहरीली हवा का कहर कब थमेगा? फिलहाल तो आसमान साफ होने का इंतजार ही एकमात्र उम्मीद है।















