मप्र में एक बार फिर महंगी हो सकती है बिजली…उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी

  • कंपनियां टैरिफ बढ़ाने की याचिका दायर करने की तैयारी में

भोपाल । मप्र में एक बार फिर बिजली महंगी हो सकती है। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां मप्र विद्युत विनियामक आयोग को बिजली की दरें (टैरिफ) बढ़ाने की याचिका दायर करने की तैयारी कर रही हैं। दरअसल प्रदेश की बिजली कंपनियां अपना लइन लॉस कम नहीं कर पा रही हैं। इससे कंपनियों का घाटा भी कम नहीं हो पता है। इससे कंपनियों का घाटा बढ़ता है और टैरिफ में इजाफा हो जाता है। पिछली बार बिजली कंपनियों की मांग पर आयोग ने हर संक्टर के बिजली बिलों में इजाफा कर दिया था। घरेलू, गैर घरेलू, उद्योग, नगर निगम, नगर पंचावत से लेकर कृषि उपभोक्ताओं तक के टैरिफ में इजाफा हुआ था।

गौरतलब है कि बिजली कंपनियों द्वारा हर साल नवंबर-दिसंबर में टैरिफ याचिका मप्र विद्युत विनियामक आयोग में दायर की जाती है। याचिका पर सुनवाई के बाद मप्र विद्युत विनियामक आयोग बिजली का टैरिफ तय करता है। मप्र में बिजली के टैरिफ में एक बार फिर इजाफा हो सकता है। प्रदेश की बिजली कंपनियों की ओर से अगले महीने टैरिफ याचिका मप्र विद्युत विनियामक आयोग में दायर की जा सकती है। इसके बाद याचिका पर दावे-आपत्तियां बुलाई जाएंगी। दावे-आपत्तियों की सुनवाई के बाद बिजली के टैरिफ में अगले साल एक अप्रैल से बदलाव होगा।

पिछली बार दरों में 3.46 फीसदी का इजाफा
बिजली का नया टैरिफ हर साल 1 अप्रैल की लागू हो जाता है। पिछले साल प्रदेश की बिजली कंपनियों ने 4 हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताते हुए बिजली के टैरिफ में 7.52 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी। मप्र विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनियों की इस मांग को स्वीकार नहीं किया था। आयोग ने बिजली की दरों में 3.46 फीसदी का इजाफा किया है। दरअसल प्रदेश की बिजली कंपनियां अपना लइन लॉस कम नहीं कर पा रही हैं। इससे कंपनियों का घाटा भी कम नहीं हो पता है। इससे कंपनियों का पाटा बढ़ता है और टैरिफ में इजाफा हो जाता है। पिछली बार बिजली कंपनियों की मांग पर आयोग ने हर संक्टर के बिजली बिलों में इजाफा कर दिया था। घरेलू, गैर घरेलू, उद्योग, नगर निगम, नगर पंचावत से लेकर कृषि उपभोक्ताओं तक के टैरिफ में इजाफा हुआ था। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 19 पैसे, गैर घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 20 पैसे और कृषि उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 7 पैसे तक का इजाफा किया गया था। इतना ही नहीं बिजली कंपनियों की मांग पर आयोग ने फिक्स चार्ज में भी इजाफा किया था। चुनावी वर्ष 2024 में बिजली के टैरिफ में मामूली इजाफा हुआ था। बिजली कंपनियों ने 2 हजार करोड़ से अधिक का घाटा बताते हुए टैरिफ में 3.86 फीसदी इजाफा करने की मांग की थी। आयोग ने टैरिफ में 0.7 फीसदी का इजाफा किया था।

2023 में 1.65 फीसदी हुई की बढ़ोतरी
बिजली कंपनियों ने साल 2023-24 में बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने के लिए विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा बताया था। इस घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से 3.20 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग की थी। उधर, विद्युत विनियामक आयोग ने जब बिजली कंपनियों के घाटे की जांच की ती, यह घाटा 795 करोड़ रह गया, तब आयोग ने 155 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मंजूरी दी थी। बिजली कंपनियों ने साल 2022-23 बिजली का टैरिफ बढ़ाने की याचिका विद्युत विनियामक में दायर की थी। तब बिजली कंपनियों ने 3916 करोड़ का घाटा बताया था। इस घाटे की पूर्ति के लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से 8.71 फीसदी बिजली का टैरिफ बढ़ाने की मांग थी। तब आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा दायर याचिकाओं की जांच की। आयोग ने जांच के बाद साफ लिखा कि गहन जांच के बाद 1181 करोड़ का घाटा आ रहा है। यानी आयोग की जाव के बाद बिजली कंपनियों का घाटा से आधे से भी कम रह गया था। तब अयोग ने बिजली के टैरिफ में 2.64 फीसदी का इजाफा किया था।

समाधान योजना में 58 करोड़ 61 लाख का सरचार्ज माफ
मप्र सरकार की समाधान योजना 2025-26 में कपनी कार्यक्षेत्र में अब तक 95 हजार 351 बकायादार उपभोक्ताओं ने पंजीयन कराकर लाभ लिया है। मध्य क्षेत्र विद्युत कंपनी के खाते में 107 करोड़ 98 लाख से अधिक की मूल राशि जमा हुई है, जबकि 58 करोड़ 61 लाख का सरचार्ज माफ किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार की समाधान योजना 2025-26 के लागू होने से ऐसे अनेक उपभोक्ता है, जो बकाया बिल जमा कर रहे हैं और एकमुश्त बकाया जमा राशि जमा करने पर अधिकतम छूट का लाभ ले रहे हैं। कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने कंपनी के बकायादार उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे प्रथम चरण में ही एकमुश्त भुगतान कर इस योजना में शामिल होकर सरचार्ज में अधिकतम छूट का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना उन बकायादार उपभोक्ताओं के लिए वरदान बनी है जो सरचार्ज के कारण मूलधन राशि जमा नहीं कर पा रहे थे। अब उन्हें समाचान योजना के प्रथम चरण में सरचार्ज में 60 से लेकर 100 प्रतिशत तक छूट के साथ एकमात अथवा किस्तों में भुगतान करने का विकल्प मिल रहा है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अपने कार्यक्षेत्र में ग्रामीण एवं कृषि उपभोक्ताओं को अब मात्र 5 रुपये में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन उपलब्ध करा रही है। जब से यह योजना शुरू हुई है तब से अब तक इस योजना का लाभ 77 हजार 224 ग्रामीण कृषकों को मिल चुका है।

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