
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सोमवार को दोपहर 2 बजे कार्यवाही हल्के विवाद के बाद सामान्य रूप से शुरू हुई। प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किसी मुद्दे पर अपनी बात रखने की अनुमति मांगी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें प्रश्नकाल के बाद समय देने का आश्वासन दिया। थोड़ी नोकझोंक के बाद स्पीकर ने भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार को उनका प्रश्न उठाने को कहा, जिस पर जयराम ठाकुर भी सहमत हो गए।
प्रश्नकाल के दौरान विपिन परमार ने पंचायतों को जारी फंड की वापसी का मुद्दा उठाया। इसी विषय पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंचायतों के साथ-साथ विधायक क्षेत्र विकास निधि और उप-योजना का बजट भी वापस लिया गया है, जो चिंता का विषय है।
शीतकालीन सत्र 26 नवंबर को शुरू हुआ था और 5 दिसंबर तक चलेगा। सप्ताहांत अवकाश के बाद शुरू हुई कार्यवाही को लेकर पहले से ही हंगामे के संकेत मिल रहे थे। सोमवार को सदन में हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों की भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक-2025 और भू संपदा विनियमन एवं विकास संशोधन विधेयक-2025 को पटल पर रखा जाएगा। पहला विधेयक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और दूसरा नगर एवं ग्राम योजना मंत्री राजेश धर्माणी प्रस्तुत करेंगे। इन विधेयकों पर आगामी दिनों में चर्चा के बाद पारित किए जाने की संभावना है। इसके साथ ही राज्यपाल की मंजूरी प्राप्त हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा विधेयक-2025 भी सदन में रखा जाएगा।















