भरोसे के निर्माता – कैसे जेडीयू के डिजिटल नर्व सेंटर ने बिहार में प्रचंड जनादेश गढ़ा

बिहार में एनडीए की निर्णायक जीत और नीतीश कुमार का ऐतिहासिक दसवां कार्यकाल सिर्फ़ राजनीतिक समर्थन का प्रमाण नहीं है, बल्कि जनता और नेतृत्व के बीच भरोसे के गहरे रिश्ते का नया नवीनीकरण है। वर्षों से नीतीश कुमार का शासन स्थिरता, सुरक्षा, निरंतरता और संतुलित विकास का पर्याय रहा है। सड़क हो या बिजली, लड़कियों की शिक्षा हो या शराबबंदी, स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार हो या गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ – इन सबने बिहार की नई पहचान बनाई है। इस चुनाव ने दोबारा साबित कर दिया कि करोड़ों परिवारों के लिए भरोसेमंद नेतृत्व ही भविष्य की सबसे सुरक्षित नींव है।

लेकिन इस चुनावी जीत के पीछे एक और बेहद अहम परत थी। एक सुविचारित, अनुशासित और शक्तिशाली संचार व्यवस्था, जो शोर से दूर, पर असर में अत्यंत गहरी थी। इसके केंद्र में था जेडीयू का आईटी सेल, जो पिछले तीन वर्षों में बिहार के सबसे प्रभावी राजनीतिक संचार ढाँचों में बदल चुका है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे थे मनीष कुमार, आईटी सेल मुख्यालय प्रमुख, जिन्होंने तकनीक और सांस्कृतिक समझ को एक साथ जोड़ा। वे कहते हैं, “जनता ईमानदार संवाद की हकदार है। हर संदेश को सच, स्पष्टता और गांव-देहात की वास्तविकता से जोड़कर तैयार करना ही हमारा अनुशासन था।”

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