Lucknow : यूपी को कृषि उपकरण निर्माण हब बनाने की तैयारी, नई हेल्पलाइन और शिकायत निस्तारण सेल की होगी स्थापना

  • कृषि भवन में कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों संग मंत्री सूर्य प्रताप शाही की समीक्षा बैठक

Lucknow : योगी सरकार द्वारा कृषि को आधुनिक तकनीक और यंत्रीकरण से जोड़ने के प्रयासों के क्रम में शुक्रवार को  कृषि भवन स्थित सभागार में  कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

योगी सरकार की किसानहित पर केंद्रित नीतियों का उल्लेख करते हुए  कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या अधिक है, इसलिए छोटे एवं किफायती कृषि यंत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इम्पैनलमेंट प्रक्रिया को ऑनलाइन करने, तिथियों का उचित निर्धारण करने, अभिलेखीय त्रुटियों को सुधारने के बाद कंपनियों को शामिल करने, कृषि यंत्रीकरण हेल्पलाइन प्रारम्भ करने तथा शिकायत निस्तारण हेतु विशेष सेल गठित करने के निर्देश दिए।

कृषि मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं को रोकने के लिए लेजर कट में उत्तर प्रदेश को शामिल किया गया है तथा अन्य सुझावों पर सकारात्मक विचार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कंपनियों की सहभागिता के साथ-साथ  और बाहरी राज्यों की कंपनियों से भी उत्तर प्रदेश में निर्माण इकाइयाँ स्थापित कर कृषि यंत्र निर्माण का हब बनाने में सहयोग लिया जाए।
कृषि राज्य मंत्री  बलदेव सिंह औलख ने कंपनियों के सुझावों पर तत्काल निर्णय लेते हुए उन्हें कृषि यंत्रीकरण कार्यक्रम में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र  द्वारा दोनों मंत्रियों के निर्देशों को विभागीय कार्ययोजना में सम्मिलित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी ने सरकार की योजनाओं को मूर्त रूप देने की तैयारियों की जानकारी दी।

15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश :

शुक्रवार को कृषि भवन, लखनऊ में कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। बैठक में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसरों के साथ प्रदेश में प्रस्तावित भू-इंजीनियरिंग आधारित कृषि मॉडल पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने निर्देश दिया कि पूर्व में हुए प्रयोगों की लागत, किसानों को प्राप्त लाभ तथा परिणामों का पुनर्मूल्यांकन करते हुए 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, जिससे किसानोन्मुखी योजनाओं को अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार का उद्देश्य है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ कृषि कार्य प्रणालियों का आधुनिकीकरण हो और इसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को मिले। इसी क्रम में ALM कार्बन परियोजना पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इसमें किसानों को कार्बन क्रेडिट का सीधा लाभ दिलाने की संभावनाओं पर विचार किया गया तथा प्रारम्भिक चरण में इस परियोजना को एक मंडल में लागू करने का प्रस्ताव रखा गया।

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