
लखीमपुर खीरी : जिला कारागार में धौरहरा निवासी सुरेश वर्मा (50) ने बीती रात बाथरूम में गमछे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुरेश को 103 BNS के मामले में कल करीब शाम 4:15 बजे धौरहरा पुलिस ने जेल में दाखिल किया था लेकिन कुछ घंटों बाद ही उसकी मौत की सूचना सामने आ गई। जेल अधीक्षक पी. डी. सालोनिया के अनुसार सुरेश रात में पहरेदार से बात करते हुए बाथरूम गया और देर तक बाहर न आने पर जब देखा गया तो वह एंगल में गमछा फंसाकर लटका मिला। मेडिकल परीक्षण में उसके शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट नहीं पाई गई। अधीक्षक का कहना है कि “जेल में सुरक्षा रहती है लेकिन किसी के मनोवैज्ञानिक तनाव का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। जांच चल रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
इस हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने धौरहरा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुरेश के भतीजे विनीत कटियार और पुत्री पल्लवी कटियार का कहना है कि डेढ़ महीने पूर्व लकड़ी काटते समय गांव की एक महिला के सिर पर लकड़ी गिरने से मौत हुई थी, जिसके बाद धौरहरा कोतवाल शिवाजी दुबे लगातार परिवार पर दबाव बना रहे थे कि महिला की हत्या सक्रिय रूप से की गई है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें चार दिन तक कोतवाली में रोककर रखा गया और चालान भेजने के लिए ₹5,00,000 की मांग की गई। आरोप है कि ₹30,000 कम होने पर चालान रोका गया और अगले दिन पूरी राशि देने के बाद ही जेल भेजा गया।
परिवार ने पुलिस कर्मियों के निलंबन और कठोर कार्रवाई की मांग की है। वहीं सुरेश की आत्महत्या ने पुलिस कार्रवाई, जेल सुरक्षा तथा मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस विभागीय सूत्रों के अनुसार जल्द ही बड़ी कार्यवाही के संकेत मिल रहे हैं।










