दिल्ली में वायु प्रदूषण का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, दिशा-निर्देश जारी करने की मांग

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक उपाय करने के दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

यह याचिका ग्रेटर कैलाश पार्ट 2 वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से महासचिव संजय राणा ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में वायु खतरनाक श्रेणी में होने के बावजूद ग्रैप-3 हटा दिया गया। ग्रैप-3 हटाने के पहले प्राधिकरणों ने स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए समय पर जरुरी कदम नहीं उठाये, जिसकी वजह से स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाया, जिसकी वजह से दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी की स्थिति आ गयी है।

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में लगातार वायु प्रदूषण से लोगों के फेफड़ों पर काफी असर पड़ता है और इससे दिल्ली के लोगों की तबीयत खराब हो रही है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए जो वर्तमान में उपाय किए जाने चाहिए वे नहीं किए जा रहे हैं। वायु प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण और डेमोलिशन पर खास नजर रखना होगा क्योंकि इससे धूल बढ़ती है। इसके अलावा सड़कों की धूल, वाहनों से उत्सर्जन और औद्योगिक ईकाईयों से उत्सर्जन को भी कम करने पर ध्यान देना होगा। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में खुले में कचरा जलाने पर भी पूरे तरीके से रोक लगाना होगा। दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए कम्प्रिहेंसिव क्लीन एयर एक्शन प्लान बनाने की जरुरत है, जिसमें समयबद्ध तरीके से वायु प्रदूषण रोकने और एक्यूआई में सुधार पर जोर देना होगा।

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