
कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को पुलिस प्रशासन में बड़े पैमाने पर बदलाव करते हुए कुल 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इनमें ज्यादातर अधिकारी जिलों के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात थे।
यह कदम विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भेजे गए पत्र के बाद उठाया गया, जिसमें उन्होंने कई पुलिस अधिकारियों पर टीएमसी नेताओं की तरह व्यवहार करने और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
तबादला सूची में पूर्व मेदिनीपुर के पुलिस अधीक्षक सौम्यदीप भट्टाचार्य का नाम भी शामिल है, जो शुभेंदु अधिकारी का गृह जिला है।
गुरुवार देर शाम, आदेश जारी होने से कुछ घंटे पहले ही, अधिकारी ने भट्टाचार्य पर आरोप लगाया था कि वे आई-पैक के निर्देश पर काम कर रहे हैं, जो 2021 से टीएमसी की चुनावी रणनीति तैयार करने का काम कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि नन्दीग्राम के एक स्थानीय बीजेपी नेता द्वारा भारतीया हिन्दू परिषद में शामिल होने से इनकार करने के बाद उनके बेटे, जो जिले में अनुबंधित ग्राम पुलिस थे, को सेवा से हटा दिया गया। अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि नन्दीग्राम थाना क्षेत्र से नौ सिविक वॉलंटियरों को सिर्फ इसलिए हटा दिया गया क्योंकि वे हिन्दू थे।
उधर टीएमसी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने अधिकारी के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि अधिकारी रोजाना झूठे आरोप लगाते हैं और अब वे हर प्रशासनिक निर्णय को राजनीति से जोड़ देते हैं।
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