Lakhimpur Kheri : गन्ना सीजन का असर, विकास चौराहा से मिल रोड तक वाहनों की लंबी कतार

Gola Gokarnanath, Lakhimpur Kheri : बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड शुगर मिल में पेराई सीजन की शुरुआत के साथ ही छोटी काशी का ट्रैफिक पूरी तरह अव्यवस्थित हो गया है। विकास चौराहा, मिल रोड, अलीगंज रोड, रेलवे स्टेशन फाटक, सिनेमा रोड और मोहम्मदी रोड तक जाम की जंजीर फैल गई है। गन्ने से भरे डनलप, ट्रैक्टर–ट्रॉलियां और ट्रकों की कई किलोमीटर लंबी लाइन ने शहर की रफ्तार को जाम के अंदर कैद कर दिया है। पुराना मिल बाईपास रोड, खुटार रोड और बांकेगंज रोड रोजाना भारी जाम के हॉटस्पॉट बन गए हैं, जहां सुबह से आधी रात तक ऑटो, बाइक और कार रेंगते हुए आगे बढ़ते हैं।

शहर की लगभग सभी सड़कें जाम की गिरफ्त में

खुटार रोड की हालत यह है कि सड़क के दोनों ओर लगे फल, चाट, बैंड-बाजा और फास्ट फूड के ठेले भारी वाहनों के लिए रास्ता इतना संकरा कर देते हैं कि निकलना बेहद जोखिमभरा हो जाता है। बांकेगंज रोड पर दुकानदारों द्वारा सड़क पर तक सामान फैला देने से थोड़ी सी भी भीड़ होते ही आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है। पुराना मिल बाईपास रोड पर गन्ना वाहनों की लाइन के बीच खड़े स्ट्रीट फूड ठेले ट्रैफिक को और उलझा देते हैं।
उधर रेलवे स्टेशन फाटक पर ट्रेन निकलने से पहले और बाद में जाम की स्थिति विस्फोटक हो जाती है। कई बार फाटक खुलने के बाद भी लंबी लाइन के कारण वाहनों को आगे बढ़ने में 20–25 मिनट लग जाते हैं। अलीगंज रोड और सिनेमा रोड पर जाम का दबाव इतना बढ़ रहा है कि मोहम्मदी रोड तक वाहन अटक जाते हैं, जिससे शहर के भीतर प्रवेश और निकास दोनों दिशा में ट्रैफिक अत्यंत धीमा रहता है।

स्कूली बच्चों, मरीजों और राहगीरों की सबसे अधिक परेशानी

जाम की सबसे बड़ी मार बच्चों पर पड़ रही है। पीक टाइम में स्कूली वाहनों और ट्यूशन जाने वाले छात्रों के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। अभिभावकों ने बताया कि धक्का-मुक्की और ट्रैफिक के दबाव में कई बच्चे गिरकर घायल भी हो जाते हैं। मिल रोड, अयोध्या नगर, पुराना बाईपास, अलीगंज रोड और आसपास के मोहल्लों के लोगों का हर दिन जाम के साथ शुरू होता है और जाम के साथ ही खत्म। कई बार लंबे जाम में एंबुलेंस तक फंस जाती है, जिससे आपात स्थिति में राहत पहुंचने की संभावना लगभग समाप्त हो जाती है।

लोगों की नाराजगी गन्ना सीजन हर साल आता है, पर समाधान कभी नहीं

स्थानीय लोगों का कहना है कि मिल सीजन हर साल आता है, लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन का स्थायी समाधान आज तक सामने नहीं आया। न अतिरिक्त ट्रैफिक फोर्स तैनात होती है, न ठेलों–दुकानों पर नियंत्रण, और भारी वाहनों के साथ शहर का पूरा तंत्र ठप हो जाता है। नागरिकों का कहना है कि जल्द ठोस कार्रवाई न हुई तो स्थिति और भयावह हो सकती है।

प्रशासन और मिल प्रबंधन की प्रतिक्रिया

टीएसआई गोला योगेंद्र कुमार ने कहा ट्रैफिक पुलिस के जितने संख्या बल की उपलब्धता है, उसके अनुसार जाम पर नियंत्रण का प्रयास लगातार किया जा रहा है।

बजाज शुगर मिल मैनेजर सिक्योरिटी चेतराम सिंह बघेल का कहना है निर्धारित रूट और निर्धारित समय के अनुसार ही गन्ना लदे वाहन मिल की ओर भेजे जा रहे हैं।

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