लखनऊ में कांग्रेसियों का हंगामा! RSS शाखा पर हमला करने के लिए तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस ने कार्यकर्ताओं को घसीटकर हिरासत में लिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जोरदार झड़प हो गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के बुलावे पर ‘चुनावी अन्याय के खिलाफ’ विधानसभा घेराव का आयोजन किया गया था। लेकिन पुलिस ने कड़ी बैरिकेडिंग लगा दी, जिस वजह से कार्यकर्ता मुख्यालय से बाहर ही नहीं निकल सके। गुस्साए कांग्रेसियों ने बैरिकेड पर चढ़कर नारेबाजी की, तो पुलिस ने उन्हें घसीटकर हिरासत में ले लिया। इस घटना के दौरान किसी को चोट या मौत की खबर नहीं है, लेकिन तनाव बना हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

दोपहर करीब 12 बजे लखनऊ के हजरतगंज स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर सैकड़ों कार्यकर्ता जमा हो गए। पार्टी ने वोटर लिस्ट में धांधली और चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ विधानसभा मार्च का ऐलान किया था। कार्यकर्ता प्लेकार्ड लेकर नारे लगा रहे थे- ‘चुनाव आयोग ने लोकतंत्र को बेच दिया’, ‘आरएसएस की कठपुतली मतदान मशीन’।

लेकिन मुख्यालय के बाहर पुलिस ने बहुत ज्यादा बैरिकेडिंग कर रखी थी। भारी संख्या में पुलिस बल, जिसमें रैपिड एक्शन फोर्स (RAP) और वाटर कैनन भी शामिल थे, तैनात थे। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। कुछ युवा बैरिकेड पर चढ़ गए और नीचे कूदने की कोशिश कर रहे थे।

पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। कुछ को पकड़कर घसीटा गया, तो कई को हवा में उठाकर बसों में ठूंस दिया गया। एक कार्यकर्ता ने बताया, “हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें अपराधी बना दिया। बैरिकेड पर चढ़ते ही हमें कुत्तों की तरह घसीटा गया।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया। झड़प के दौरान धक्का-मुक्की हुई, लेकिन किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। पुलिस ने करीब 150 से 200 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और उन्हें जनेश्वर मिश्र पार्क या दूसरे धरना स्थलों पर ले जाया गया। शाम तक अधिकांश को छोड़ दिया गया। कांग्रेस ने इसे ‘लोकतंत्र का गला घोंटना’ कहा है।

कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया। अजय कुमार लल्लू ने कहा, “चुनाव आयोग अब आरएसएस की नई शाखा बन गया है। वोटर लिस्ट में साजिश से नाम काटे जा रहे हैं, खासकर अल्पसंख्यक और गरीब वर्ग के। यह लोकतंत्र की हत्या है। हमें यह बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता खो दी है। यह भाजपा का एक्सटेंशन बन चुका है।”

कांग्रेस का आरोप है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ हो रही है। पार्टी का दावा है कि लखनऊ जिले में ही 50 हजार से ज्यादा नाम गायब हो गए हैं, जो विपक्षी समर्थकों के हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन तेज करने का भी फैसला लिया है।

लखनऊ पुलिस आयुक्त इजहार अहमद ने कहा, “प्रदर्शन की पूर्व सूचना नहीं मिली थी। हमने शांतिपूर्ण तरीके से रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। इसलिए हल्का बल प्रयोग किया गया। कोई घायल नहीं हुआ।” पुलिस ने FIR दर्ज करने की बात भी कही है, जिसमें अवैध जमावड़े और शांति भंग का आरोप लगेगा।

भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया। भाजपा का कहना है, “यह विपक्षी दलों का हार का डर है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसे आरएसएस से जोड़ना देशद्रोह है।” प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, “कांग्रेस हर बार हार मानने से पहले हंगामा करती है। योगी सरकार में कानून का राज है।”

नवंबर 2025 में युवा कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ सीएम आवास घेराव किया था, जिसमें वाटर कैनन का इस्तेमाल हुआ था। दिसंबर 2024 में भी विधानसभा घेराव के दौरान एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। पार्टी ने इसे ‘हत्या’ करार दिया था।

कांग्रेस ने शुक्रवार को ‘चुनाव बचाओ’ मार्च का भी ऐलान किया है। अभी लखनऊ में तनाव कम है, लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

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