
Lucknow : लखनऊ के गोसाईगंज के अमेठी उपकेंद्र इलाके में एक बड़ा घपला सामने आया है, जिसमें किसान से 60 हजार रुपये की घूस लेकर बिना शुल्क जमा कराए ही 11 हजार वोल्ट की हाइटेंशन लाइन गुपचुप तरीके से शिफ्ट कर दी गई।
इस मामले में जेई-एसडीओ समेत कुल सात कर्मचारी फंस गए हैं। इनमें दो जेई, एक एसडीओ और चार संविदा कर्मचारी शामिल हैं। इनमें से तीन संविदा कर्मियों को काम से हटा दिया गया है, जबकि एक जेई भी निलंबित हो चुका है।
मामले की जांच के आदेश मध्यांचल निगम के मुख्यालय के अधिकारियों ने दिए थे। यह कार्रवाई किसान मंजीत की शिकायत पर हुई, जो चमरतलिया गांव निवासी हैं। शिकायत के आधार पर अमौसी जोन के मुख्य अभियंता महफूज आलम को जांच के आदेश दिए गए। मुख्य अभियंता ने मोहनलालगंज के अधिशासी अभियंता श्रवण कुमार सिंह से जांच कराई।
जांच में पाया गया कि जेई अमरेश सिंह, एसडीओ संतोष सिंह कुशवाहा, पूर्व जेई धीरज दीक्षित, संविदा कर्मी आरएम पांडेय, और नौकरी से निष्कासित तीन संविदा कर्मी सुखदेव सिंह, संजीव व दिलीप दोषी पाए गए हैं। इन सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है। अधिशासी अभियंता की जांच रिपोर्ट निगम मुख्यालय पहुंच चुकी है, और संबंधित कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इन कर्मचारियों की नौकरी भी जा चुकी है और कुछ निलंबित भी किए गए हैं। संविदा कर्मी सुखदेव सिंह, संजीव और दिलीप को पहले ही नौकरी से हटा दिया गया है। पूर्व में तैनात रह चुके जेई धीरज दीक्षित भी निलंबित हो चुके थे, लेकिन बाद में उनको बहाल कर दूसरे निगम में ट्रांसफर कर दिया गया है।
मामले का मुख्य विषय यह है कि किसान मंजीत के खेत के बीचोंबीच से हाइटेंशन लाइन निकली थी। जब मंजीत ने एक संविदा कर्मी से उस लाइन को हटाने को कहा, तो उसने 80 हजार रुपये का खर्च बताया। हालांकि, संविदा कर्मी ने 60 हजार रुपये में लाइन शिफ्ट करने का ठेका ले लिया। पूरी रकम लेकर उसने आधा-अधूरी लाइन ही शिफ्ट की, जिसके बाद मंजीत ने शिकायत की और मामला खुल गया।
अमौसी जोन के अधीक्षण अभियंता टेक्किनल भविष्य कुमार सक्सेना का कहना है कि इस पूरे मामले में एसडीओ संतोष सिंह कुशवाहा और जेई अमरेश सिंह को आरोपपत्र जारी किया गया है। इसके अलावा, संविदा कर्मी आरएम पांडेय के खिलाफ भी कार्रवाई करने की रिपोर्ट निगम मुख्यालय को भेज दी गई है।











