Health Tips : थायराइड रोगी भूलकर भी न करें इन चार चीजों का सेवन!

Health Tips : थायरॉइड की समस्या आज भारत में बेहद आम हो चुकी है। गर्दन में मौजूद तितली के आकार की थायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म, ऊर्जा स्तर और तापमान को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है और जब हार्मोन अधिक बनने लगते हैं, तब हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति होती है।

भारत में अधिकतर लोग हाइपोथायरायडिज्म से जूझते हैं। इस समस्या में शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ना, थकान, सुस्ती और मूड स्विंग जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। दवा के साथ-साथ सही खान-पान का ध्यान रखना इस रोग के प्रबंधन के लिए बेहद जरूरी है।

कुछ खाद्य पदार्थ थायरॉइड हार्मोन बनने की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं और दवा के असर को भी कम कर सकते हैं। इसलिए इन चीजों का सेवन सोच-समझकर या कम मात्रा में करना चाहिए—

गोइट्रोजेन युक्त क्रूसिफेरस सब्जियाँ

इन सब्ज़ियों में मौजूद गोइट्रोजेन आयोडीन के उपयोग में बाधा डालते हैं, जिससे थायरॉइड हार्मोन बनना कम हो सकता है। सीमित सेवन करें और अच्छी तरह पकाकर ही खाएँ

  • पत्तागोभी
  • फूलगोभी
  • ब्रोकोली
  • केल
  • मूली

सोया उत्पाद

सोया में मौजूद आइसोफ्लेवोन्स थायरॉइड दवा के अवशोषण को प्रभावित करते हैं।
दवा लेने के कम से कम 4 घंटे बाद ही सोया या उससे बने उत्पाद खाएँ।

  • सोया दूध
  • टोफू
  • सोया सॉस

अत्यधिक चीनी और प्रोसेस्ड फूड

हाइपोथायरायडिज्म में वजन बढ़ना आम है और प्रोसेस्ड फूड इसे और भी तेज करता है।
ये शरीर में सूजन बढ़ाकर थकान और आलस बढ़ा सकते हैं।

  • सोडा, मिठाइयाँ
  • पैकेज्ड स्नैक्स
  • फास्ट फूड

कैफीन का सेवन सीमित रखें

कॉफी और चाय दवा के असर को कम कर सकती हैं।
दवा लेने के 1 घंटे बाद ही कैफीन पिएँ।

शराब से पूरी तरह परहेज

शराब सीधे लिवर को प्रभावित करती है, जो थायरॉइड हार्मोन के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शराब से—

  • थकान
  • वजन बढ़ना
  • सुस्ती
    जैसी समस्याएँ और बढ़ सकती हैं।

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